आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन है. उत्तराखंड के गावों में कार्तिक महीने की एकादशी बड़ी पावन मानी…
इगास बग्वाल के दिन भैला खेलने का विशिष्ठ रिवाज है. यह चीड़ की लीसायुक्त लकड़ी से बनाया जाता है. यह…
“सम्यक् प्रकारेण विरोधाभावान् अपास्य समभावान् जीवनोपयोगिनः करोति इति संस्कृतिः” अर्थात संस्कृति वह है जो मानवता को विकृत करने वाले भावों…
पहाड़ में कोई भी त्यौहार हो पारम्परिक कुमाऊनी घर गेरू की भिनी सुगंध से सरोबार हो जाया करते. एक समय…
विगत लगभग तीस-चालीस वर्षों से भारत के विद्वजनों का ध्यान लोक-परम्परा की ओर आकर्षित हुआ है, विशेषकर आज के तेजी…
उत्तराखण्ड अद्वितीय प्राकृतिक सुन्दरता और अनूठी लोकसंस्कृति से समृद्ध है. यहाँ के समाज में प्रचलित ढेरों किस्से-कहानियाँ मन को आनन्दित…
उत्तराखंडी लोक कला के विविध आयाम हैं. यहाँ की लोक कला को ऐपण कहा जाता है. यह अल्पना का ही…
कुमाऊं क्षेत्र में अब सिर ढकने की परम्परा पूरी तरह समाप्त हो चुकी है. कम लोग ही जानते हैं एक…
कुमाऊं में सातों-आठों की खूब धूम रहती है. कुमाऊं क्षेत्र में एक बड़े समाज द्वारा सातों-आठों का पर्व मुख्य पर्व…
पहाड़ में आज उत्सव का माहौल है. सुबह से ही घर की साफ-सफाई लिपा-पोती का जोर है क्योंकि आज गौरा…