परम्परा

उत्तराखंड की लोरियां

रुद्रपुर में रहने वाले हेम पन्त की रचनाएं काफल ट्री के पाठकों के लिए अपरिचित नहीं हैं. (Lullabies of Uttarakhand…

5 years ago

चांदी के दरवाजों और स्तम्भों से जगमगायेगा बाबा केदार का धाम

उत्तराखंड के सबसे बड़े तीर्थों में गिने जाने वाले केदारनाथ धाम का महात्म्य दुनिया भर में विख्यात है. उत्तराखंड सरकार…

5 years ago

कौन है पहाड़ों की नन्दा देवी

शिव के साथ-साथ शक्ति की उपासना भी अति प्राचीन काल से होती आई है बल्कि यह कहना अधिक उचित होगा…

5 years ago

आमा के जीवन की यादें मेरे लिए कहानी बन जाती थी

वे घुमंतु नहीं थे और न ही बंजारे ही थे. वे तो निरपट पहाड़ी थे. मोटर तो तब उधर आती-जाती…

5 years ago

उत्तराखण्ड में इष्ट देवता

इष्ट देवता का सामान्य अर्थ है मान्य, आदरणीय, पूज्य देवशक्ति. लेकिन उत्तराखण्ड के सन्दर्भ में इसका अर्थ है वह देवी…

5 years ago

गाथा छिपला केदार की

पिथौरागढ़ जनपद के सीमान्त क्षेत्र के दर्जनों गाँवों में अधिशासित आराध्य देव छिपलाकेदार धारचूला तहसील के बरम से लेकर खेत…

5 years ago

ज्येठांश: उत्तराखण्ड में पैतृक संपत्ति के बंटवारे का पारंपरिक विधान

संयुक्त परिवार के दौर में उत्तराखंड के समाज में कई तरह की परम्पराएं हुआ करती थीं. आधुनिक समाज में एकल…

5 years ago

भवाली में रामलीला की परम्परा

पिछली सदी के साठ के दशक का एक कालखण्ड ऐसा भी रहा, जब भवाली की रामलीला में पिता हरिदत्त सनवाल…

5 years ago

श्राद्ध पक्ष में कौवे को क्यों महत्व दिया जाता – कुमाऊं क्षेत्र की मान्यता

इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है. इसे पितृ पक्ष भी कहा जाता है.अपने पितरों को याद करने की इस…

5 years ago

कल से शुरू होंगे पितृपक्ष के श्राद्ध

कल अर्थात 13 सिंतबर को भाद्रपद महीने की पूर्णिमा है. इस मास के समाप्त होने पर आश्विन मास की शुरुआत…

5 years ago