इतिहास

एबट माउंट वाले अंग्रेज साहब का किस्सा

उत्तराखण्ड में कुमाऊँ के जिला चम्पावत के लोहाघाट नगर के नजदीक एबट माउंट नामक एक बहुत ही खूबसूरत स्थान है.…

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राजा ज्ञानचंद को गरुड़ज्ञानचंद क्यों कहते हैं?

चन्द शासकों में सबसे ज्यादा समय तक गद्दी में बैठने वाले शासक का नाम है राजा ज्ञानचंद. कुछ लोगों ने…

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लैंसडाउन : गढ़वाल रायफल्स का गौरवशाली केंद्र

लैंसडाउन उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल का एक पौड़ी जिले का एक खूबसूरत पहाड़ी कस्बा है. 2001 की जनगणना के आधार…

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राजकीय बालिका इन्टर कालेज पिथौरागढ़ के परिसर में था खड़कोट का किला

सोर घाटी में गंगोत्री गर्ब्याल राजकीय बालिका इन्टर कालेज के परिसर में समय एक किला या गढ़ हुआ करता था.…

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कुमाऊं के इतिहास में मंगल की रात और नगरकोटियों की जुल्फें

चंद शासकों ने अपनी खस प्रजा को नियंत्रित करने हेतु हिमांचल से योद्धा बुलाये थे. हिमांचल से बुलाये इन योद्धाओं…

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जब कोसी और सुयाल नदी के संगम पर 700 नागा सन्यासी मारे गये

अल्मोड़े में अपनी राजगद्दी छिनने के बाद चंद राजा मोहनचंद मदद के लिये जगह-जगह भटक रहा था. उसे गुजर के…

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श्रीनगर: ऐतिहासिक तौर पर गढ़वाल की सत्ता व व्यापार का केंद्र

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिले का ऐतिहासिक क़स्बा है श्रीनगर. अलकनंदा नदी के तट पर बसा श्रीनगर भारत…

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गढ़वाली राजा जिसके आदेश पर प्रजा अंग्रेजों की मुर्गियां और कुत्ते पालकी में ढ़ोती थी

गढ़वाली राजा सुदर्शन शाह की राजनैतिक और आर्थिक स्थिति शुरुआत में बहुत खराब थी. कनखल के युद्ध के बाद एक…

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कुमाऊं में मोटर यातायात की शुरुआत

कुमाऊं में सर्वप्रथम मोटर यातायात की शुरुआत 1915 में काठगोदाम-नैनीताल के बीच हुई थी. उसके बाद 1920 में काठगोदाम से…

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एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और ‘अल्मोड़ा अख़बार’

एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और 'अल्मोड़ा अख़बार' यह टिप्पणी गढ़वाल समाचार पत्र की है. गढ़वाल समाचार पत्र…

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