मलैनाथ की कथा में छिपलाकोट से भागश्री को भगा लाने का बड़ा ही रोमांचक प्रसंग आता है. मलैनाथ सीराकोट के…
जब हम सिनला की चढ़ाई पार कर रहे थे तो हमारे एक साथी की जेब में एक लिफाफा था. यह…
तवाघाट से मांगती के बीच सड़क टूटी थी तो हमें तवाघाट से ठाणी धार चढ़कर चौदास होते हुए आगे बढ़ना…
अंग्रेज भले हमें सालों गुलाम बना कर गए हों उनके प्रति हमारा आकर्षण कभी कम नहीं हुआ. जैसे ही हमें…
पंद्रह अगस्त का दिन, बचपन से ही हमारे लिए उल्लास और उत्साह का दिन. लेकिन इस बार की पंद्रह अगस्त…
सुबह- सुबह जब हम कौसानी से निकले तो कोई अनुमान न था कि आज का दिन कितना लम्बा होगा. कल…
धरती गोल है और गोले में कोई बिंदु आखिरी नहीं होता. अक्सर आखिरी पहला हो जाता है. हिमालय की घाटियों…
रोम पहुंचते ही सबसे पहली बात ये पता लगी कि यहाँ के लोगों के लिए ये ‘रोमा’ है. एयरपोर्ट से…
आठ दिन हो गए बारिश को. बीच में आधे दिन के लिए रुकी थी पर तीन दिन से तो एक…
हमें घर से निकले पांच-छह दिन तो हो ही गए होंगे और पिछले चार दिन से बारिश रुकने का नाम…