यात्रा पर्यटन

कोरोना काल में रूपकुंड की रोमांचक यात्रा

अगस्त की सात तारीख, लॉकडाऊन के लंबे और उबाऊ दौर से परेशान मैं और मेरे साथी, बरसात का दिनोंदिन भयानक…

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मुनस्यारी की ठंड में नए साल का स्वागत

आज हमें मुनस्यारी पहुंचना था. नाश्ता निपटाकर, दो दिनों का हिसाब-किताब कर धारचूला टीआरसी से हम निकल चले. कोहरे के…

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अल्मोड़ा से केदारनाथ की एक दिलचस्प यात्रा

7 अक्टूबर 2019 को मैं आपना कैंप खत्म कर ऋषिकेश से अल्मोड़ा के लिए निकल रहा था. कैंप से निकलने…

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दारमा घाटी: स्वर्गारोहण के दौरान जहां पांडवों ने पांच चूल्हे लगाकर अंतिम भोजन बनाया

दारमा घाटी की ख़ूबसूरती की व्याख्या शब्दों में कर पाना बहुत कठिन है. इन तस्वीरों को देखकर आप महसूस कर…

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मर्तोली के बुग्यालों में चौमास में चरने वाले घोड़े और खच्चर गुलामी भूल जाते हैं

जब हम रालम और जोहार के लिए पिथौरागढ़ से निकले तो बरसात अपने चरम पर थी और रोड जगह जगह…

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अस्सी साल के बुजुर्ग का परिवार संग गोरी नदी का खतरनाक नाला पार करना

नहर देवी में एक छोटे से बाड़े में पैतीस चालीस लोगों के बीच दब कर जैसे-तैसे रात बिताने के बाद…

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मिलम-मुनस्यारी से निकला एक युग नायक जिसे दुनिया ने जाना, हमने भुलाया

19वीं सदी का महान घुमक्कड़-अन्वेषक-सर्वेक्षक पण्डित नैन सिंह रावत (सन् 1830-1895) आज भी ‘‘सैकड़ों पहाड़ी, पठारी तथा रेगिस्तानी स्थानों, दर्रों,…

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भयंकर बारिश के बीच गोरी नदी किनारे काली अंधेरी रात

सितम्बर में जाते मानसून के साथ हमने मिलम की दूसरी यात्रा शुरू की थी. जिस दिन हम पैदल चलना शुरू…

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मिलम ग्लेशियर का वह सफ़र जो आखिरी हो सकता था

मिलम, कहते हैं किसी समय अल्मोड़ा जिले के सबसे बड़े गांवों में एक गिना जाता था. यह इतना बड़ा था…

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मिलम में दम पीकर सैट अंग्रेज और छांग पीकर धुत्त पहाड़ी के झगड़े का किस्सा

पहली बार जोहार की यात्रा के लिए जब कमल दा के साथ निकला था तो मुझे कत्तई पता न था…

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