पर्यावरण

सानन थैं पधान हो कयो, रात्ति में बांगो

हमारे अंचल में एक किस्सा प्रचलित है, कहा जाता है कि किसी जमाने में, जब पेड़-पौधे, पंछी-जानवर इंसानों की तरह…

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चीड़ के वनों से जुड़ी कुछ भ्रांतियाँ और तथ्य

हिमालयी क्षेत्रों में वर्षों से वनाग्नि की घटनाएं होती रही हैं और इन वनाग्नियों के पीछे कुछ प्राकृतिक और अनेक…

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सिंगौड़ी खाते हुए मालू के पत्ते को जरूर याद कीजियेगा

अल्मोड़ा में अंग्रेज टैक्सी से आया या घोड़े पर, यह तो काल-यात्रा से ही पता लगेगा लेकिन उसका यहां तक…

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नोस्टाल्जिया बन चुकी तितलियों के रंग बता रहा है विंग्स फाउंडेशन

बचपन में रंग-बिरंगी तितली के पीछे भागना कई लोगों का सबसे प्रिय सगल रहा है. अक्सर किताबों में दिखने वाली…

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चोपता : खूबसूरत गुलाबी बुराँश का अदभुत संसार

चोपता उत्तराखंड की सबसे खुबसूरत जगहों के रूप ने जानी जाती है. दो हजार छः सौ आठ मीटर की ऊंचाई…

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उत्तराखण्ड में जमीन की लूट और आईपीएस द्वारा करोड़ों के घोटाले का कनेक्शन

उत्तराखण्ड से जुड़ा एक मामला आजकल विभिन्न लॉ पोर्टलों के माध्यम से राज्य के सोशल मीडिया तक पहुंच चर्चा में…

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कॉर्बेट पार्क की कहानी : बाघ अवसरवादी भी होते हैं

बाघ अवसरवादी भी होते हैं इसका एक नजारा ढिकाला के ग्रासलैंड में देखने को मिला जहां एक युवा बाघ जिप्सियों…

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ओण दिवस जंगलों का धधकना नियंत्रित कर सकता है.

उत्तराखंड इस समय बेहद विषम पर्यावरणीय परिस्थितियों से गुजर रहा है. परंपरागत जल स्रोतों नौलौ, धारों, गाड़, गधेरों, गैर-हिमानी नदियों…

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रिलकोट में तेज हवा की धार के बीच नर मेमनों का बधियाकरण

अस्थायी प्रवास हिमालय के चरवाहों के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है. ये चरवाहे पहिये की तरह साल भर मवेशियों,…

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अंग्रेजी राज में पहाड़ का पानी

किसी इलाके में रहने वाले लोग अपने कामकाज को वहां के पर्यावरण व परिवेश के हिसाब से न केवल निर्धारित…

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