कॉलम

माफ़ करना हे पिता – अंतिम

(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता - 6) लॉटरी उनसे तब तक नहीं छूटी जब तक सरकार ने इसे बंद…

6 years ago

रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – अंतिम

(पिछली क़िस्त का लिंक - रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा - 6) लौटते हुए ज्यादा परेशानी नहीं हुई…

6 years ago

फ़िल्म आस्वाद किसे मानें

बीती 22 जून से 25 जून इंदौर की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था ‘सूत्रधार’ ने इंदौर के होटल अपना व्यू के सबरंग…

6 years ago

प्रकट सुंदरता के भीतर कितने जलजले – आलोक धन्वा की कविता – 1

अपने भीतर घिरते जाने की कविताः आलोक धन्वा के बारे में -शिवप्रसाद जोशी अगर हिंदी कविता में इधर सबसे बेचैन…

6 years ago

नैनीताल की रामलीला

नैनीताल की रामलीला का इतिहास नैनीताल में मल्लीताल की रामलीला की शुरूआत सन 1918 में राम सेवक सभा की स्थापना…

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पहाड़ और मेरा बचपन – 3

पिछली क़िस्त पहाड़ और मेरा बचपन – 2 मां आस-पास की ऐसी औरतों को जानती थी, जिन्होंने खुद भी गाय…

6 years ago

माफ़ करना हे पिता – 6

(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता - 5) एक रोज सीढ़ियों से लुढ़क कर मैं अपना माथा फुड़वा बैठा. लोगों…

6 years ago

रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 6

(पिछली क़िस्त का लिंक - रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा - 5) सुबह 4 बजे उठी और सबसे…

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धौली और नन्दा की कथा

कार्तिग के महीने गांव के ऊपर नीचे की सारियां फसल काटने के बाद खाली हो जाती. आसमान बरसात के बाद…

6 years ago

परीक्षा माने – ‘पर इच्छा’

दो दोस्त थे. दोनों में काफी घनिष्ठता थी. दाँत काटी दोस्ती समझ लीजिए. ये बात, इस नजरिए से बखूबी साबित…

6 years ago