कॉलम

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 44

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago

सीमांत गाँव वाण से कनोल के रास्ते की कुछ तस्वीरें

उत्तराखण्ड के चमोली जिले में वाण गाँव एक जाना-पहचाना नाम है. वाण से बेदिनी बुग्याल और रूपकुंड के लिए पैदल…

6 years ago

सिनेमा: पांच मिनट में सत्रह देशों की दुनिया

एन वुड द्वारा 1984 में स्थापित टीवी कंपनी रैगडौल से सीख मिलती है कि एक अच्छा प्रोग्राम कैसे और कितनी…

6 years ago

अंधविश्वास के पहाड़

मैं उस रोज नैनीताल के रामगढ़ स्थित महादेवी सृजन पीठ के बाहर साथियों के साथ गप्पें लड़ाने में मशगूल था…

6 years ago

बार्क मतलब खाली भौंकना नहीं होता उर्फ़ कैस्केडिंग इफ़ेक्ट की बारीकियां

साधो हम बासी उस देस के – 4 -ब्रजभूषण पाण्डेय पिछली कड़ी : यह क्रांतिकारी दिन था मेला बीत चुका था.…

6 years ago

जम्मू में नदी से मछलियां पकड़ना और अर्चना वर्मा की कॉपी से नकल करना

पहाड़ और मेरा बचपन – 10 (पिछली क़िस्त : हां मैंने चलाए साइकल के लचक मारते, पुराने टायर और भरपूर…

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कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 43

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago

नई कहानी के नए प्रेरक : शैलेश मटियानी और ज्ञानरंजन

इतने बड़े हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : तेरहवीं क़िस्त 1966 में नैनीताल से इलाहाबाद के लिए रवाना हुआ…

6 years ago

काने तिवाड़ी के धान – एक फसक

काने तिवाड़ी के धान - अशोक पाण्डे हमारे इधर पहाड़ों में तिवारी लोग तिवाड़ी कहे जाते हैं. गगास नदी के…

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कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 42

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago