कॉलम

भ्वींन : रात में गाये जाने वाले धार्मिक कुमाऊनी गीत

भ्वींन को भ्वैन या भ्वैंनी भी कहते हैं. झोड़ा और चांचरी की तरह गाया जाने वाला यह समूह गीत वृत्ताकार…

5 years ago

संगठित लेखक प्रकाशकों पर भारी पड़ते हैं

हालत पाठकों की भी कुछ कम ख़राब नहीं थी. शर्मा जी के बारे में पता चला कि पुस्तक मेले से…

5 years ago

महाकाली नदी के उद्गम पर स्थित मां काली का भव्य मंदिर

गुंजी से निकलते-निकलते आठ बज गए. आगे लंबे मैदान में एक जगह एक शिलापट्ट स्थापित था. ऐसा लग रहा था…

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गर्ब्यांग से गुंजी गांव की यात्रा

दोपहर को फिर घूमने का मन हुआ तो गर्ब्यांग गांव से आगे काली नदी की ओर निकल गए. काली नदी…

5 years ago

अपने मातृत्व और कृतित्व के बीच में पिसती हूं मैं

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 44  (Column by Gayatree arya 44) पिछली किस्त का लिंक:  सच्चा प्रेम…

5 years ago

अतीत में बहुत स्वावलम्बी था हमारा पहाड़ी जनजीवन

कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. मानव सभ्यता ज्यों-ज्यों विकास के सोपान चढ़ती गयी, वैज्ञानिक सोच और तकनीकी…

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बानर पलायन एक चिंतन …

रामनगर, भाभर के जंगलों में जड़ी बूटी खोजते हुए मेरी माकोट की आमा मालू की उझली हुई बेलों से कभी-कभी…

5 years ago

मैं पहाड़ों को जन्म से जानता हूं, अपने पिता की तरह

सुन्दर चन्द ठाकुर के कॉलम पहाड़ और मेरा जीवन – अंतिम क़िस्त (पिछली क़िस्त:  मैं बना चौबीस रोटियों का डिनर…

5 years ago

पिथौरागढ़ की एक अलसाई सुबह का रेखाचित्र

हर शहर की अपनी एक सुबह होती है उसकी कुछ ख़ास आदतें होती हैं जो उसे ओरों से जुदा बनाती…

5 years ago

पहाड़ों में रखे जाने वाले प्रमुख उपवास और उस दिन के आहार

शरीर को स्वस्थ निरोगी बनाये रखने के लिए पहाड़ में व्रत उपवास की परंपरा रही. हर महिने कोई ना कोई…

5 years ago