अमित श्रीवास्तव

सरलता जो सहजता में तरमीम होती है

संतोष कुमार तिवारी के काव्य संकलन ‘अपने-अपने दंडकारण्य’ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी (Review of Santosh Kumar Tiwari Book Amit Srivastava)…

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गैरसैण एक शब्द है राजकोष का

गैरसैण एक शब्द है पानी की बची हुई बूंद को छाल की शिराओं में सँजोकर हरा होना सीखा था इसने…

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देहरादून में रहने वाले ग्यारह साल के बच्चे ने लिखी कविताओं की बड़ी किताब, देश भर में चर्चा

15 अगस्त 2008 को जन्मे दस साल के तथागत आनंद श्रीवास्तव देहरादून में रहते हैं. देहरादून निवासी डॉ. आनंद श्रीवास्तव…

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पुलिस कर्मियों की त्रासद मृत्यु तक को मखौल में बदल देता है सोशल मीडिया

[हाल में नैनीताल के बीरभट्टी के समीप हुए हादसे में दिवंगत हुए पुलिसकर्मियों को लेकर सोशल मीडिया के कुछ हिस्सों…

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हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक ‘गहन है यह अन्धकारा’ से खूब सारे सबक सीख सकते हैं

पुलिस को खबर मिलती है कि एक जली हुई सिर कटी लाश मिली है. पुलिस तफ्तीश करती है और कई…

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दो पैसे की धूप चार आने की बारिश

दो पैसे की धूप, चार आने की बारिश कि जैसे अठन्नी की कला और सोलह आना खुशी दीप्ति नवल अदाकारा…

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रिटायरमेंट के बाद कमरे में सोएं, यही चाहते हैं बस

बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में. आँखों में देखकर बातें नहीं कर रहा था वो. सामने मेज पर…

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एस.पी. बालासुब्रमण्यम : जिनकी आवाज़ पुराने चावल की खुशबू की तरह पूरे घर में फैल जाती है

आवाज़ बहुत भारी थी वो. बहुत ही भारी. तमाम आवाज़ों के बीच जगह बनाकर भीतर जम गई. यूं कि जैसे…

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कैसे पुलिसवाले हो यार

'सर' कांस्टेबल राजेश ने एस ओ साब से धीरे से कान में कहा 'वो दोनों भी तैयार नहीं हुए, भाग…

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नाम में क्या रखा है

नाना के पास कहानियां थीं. नानी तो हमारे कहानी सुनने की उम्र से पहले ही खुद कहानी हो गईं थीं…

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