अमित श्रीवास्तव

देख तो दिल कि जाँ से उठता है…

गोर किस दिलजले की है... देख तो दिल कि जाँ से उठता है... चट्टे परेशान थे. नाराज़ थे. 'हद्द है.…

5 years ago

जाने कहाँ से आ टपका ये काला धन

कुबेर आजकल बड़ी चिंता में हैं. उनका एक पुत्र कुपुत्र हो गया है. लोग बड़ी मोटी-मोटी गालियाँ देने लगे हैं…

5 years ago

ख़ाकी मर्ज, फ़र्ज़ और कर्ज़ की खिचड़ी है

युधिष्ठिर सरोवर में लोटा डुबाने ही वाले थे कि बगुला रूपी यक्ष प्रकट हुए और अपनी चिर-परिचित प्रश्नोत्तरी प्रस्तुत की. …

5 years ago

नाम में क्या रखा है

नाना के पास कहानियां थीं. नानी तो हमारे कहानी सुनने की उम्र से पहले ही खुद कहानी हो गईं थीं…

5 years ago

है दुनिया उसी की, ज़माना उसी का

(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-12 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं…

5 years ago

खुद तो थे कंगाल गुरुजी कर गए मालामाल गुरुजी !

अभी पन्द्रह दिवस पूर्व ही लघु अमावस्या बीती है. इसे चेला अमावस भी कहते हैं. आज गुरु पूर्णिमा का पावन…

5 years ago

इतनी कोफ़्त होने से आदमी कोफ्ता हो जाता है

थोथा देई उड़ाय-2 मुझे इस बात की भी कोफ़्त है खुद से, कि आज तक मेरा कलियुगी महासंस्कार नहीं हुआ.…

5 years ago

हाल-ए-दिल उनको सुनाना था सुनाया ना गया

(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-11 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं…

5 years ago

संत समागम वाया फेसबुक फ्रेंडिंग से अन्फ्रेन्डिंग तक

थोथा देई उड़ाय-1 कल एक मित्र ने मुझे अमित्र कर दिया. ये कुट्टी हो जाने का बालिग संस्करण है. (Facebook…

5 years ago

कुछ दिन तो बसो मेरी आँखों में

(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-10 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं…

5 years ago