कला साहित्य

नदी, मुन्ना और वो काला पत्थर

नदी अब धीरे-धीरे उतर रही थी. बरसाती लहरों का उफान किनारों की नई सीमाएँ बना गया था. पानी उतरने के…

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शान्ति बुआ की अन्तिम यात्रा

-चन्द्रकला सालों बाद शान्ति बुआ को ट्रेन में देखा तो मन के भीतर दुख का एहसास गहरा गया. उसके कमजोर…

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पहाड़ की कहानी : हरिया हरफनमौला

दुकान वाले मोहन दा के हाथ से चाय का गिलास थामते हुए पद्मा दत्त लोहनी ने अपनी कुर्सी  दूसरी  ओर…

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एक मरा हुआ मनुष्य इस समय जीवित मनुष्य की तुलना में ज़्यादा कह रहा है: मंगलेश डबराल की याद में

मैं जब भी यथार्थ का पीछा करता हूं देखता हूं वह भी मेरा पीछा कर रहा है मुझसे तेज़ भाग…

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नागाओं के गौरवशाली अतीत का उत्सव : हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल

पहाड़ी से उतरती एक कच्ची सड़क ने हमें फ़ेस्टिवल के वेन्यू पर लाकर छोड़ दिया. किसामा नाम के इस विरासती…

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हर गांव में एक न एक मोहन दा जरूर होता है

मैंने मोहनदा को होश सँभालने के साथ-साथ देखा था. जैसे गाँव के अन्य दूसरे लोगों को देखा जाता है, पहचाना…

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काली के बगड़ में ब्रूस ली की याद

केनिथ मेसॉन की किताब द अबोड ओफ़ स्नो में कुमायूँ के सबसे बड़े अन्वेषकों में से एक हरी राम के…

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सुमित्रानंदन पन्त की कुमाऊंनी में कविता: जन्मदिन विशेष

20 मई 1900 को उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक स्थान में जन्मे सुमित्रानंदन पन्त (Sumitra Nandan Pant) हिन्दी…

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जहाजी मजदूर से नृत्य की ऊंचाई को छूनेवाला उस्ताद – अस्ताद देबू

बीती 10 दिसम्बर 2020 को भारतीय संस्कृति में एक अहम मुकाम पैदा करने वाले नर्तक अस्तद देबू का देहांत हो…

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जयंती, शिक्षा विभाग और चाय-नमकीन

अपने मुल्क में बड़े लोगों की जयंती मनाए जाने का चलन आम है. बहुत बड़े लोगों की पुण्यतिथि भी मनाई…

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