हल्द्वानी से रामनगर (जिला-नैनीताल) के रास्ते पर बैलपड़ाव से पहले एक छोटा सा गाँव है चूनाखान. यहाँ से एक सुन्दर सी पगडण्डी घने जंगल की सैर करते हुए बाराती रौ झरने की तरफ जाती है. चूनाखान से बाराती रौ की एक किमी की पगडण्डी के साथ चलती पानी की गूल लगातार संगीत सुनाते हुए आपकी हमकदम बनी रहती है. घने जंगल में मस्त परिंदे पानी के सुर से सुर मिलाते हैं.
छोटा सा दिलकश रास्ता तय करने के बाद बाराती रौ नाम के झरने और तितलियों की सोहबत मिल जाती है. यह जगह प्राकृतिक सौन्दर्य और जैव विविधता की दृष्टि से संपन्न है. प्रकृति के साथ एकाकार होने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है. सुकून इतना कि आप खुद के बहुत करीब आ जाते हैं. प्रकृति के सानिध्य में खुद के साथ कुछ लम्हे बिताने के लिए यह एक बहतरीन जगह है.
अभी इस जगह की कॉर्बेट फॉल जैसी दुर्गति होने में काफी वक़्त है. फिलहाल न यहाँ कोई रेस्त्रा है न सैलानियों की भीड़. वन विभाग द्वारा भी हाल-फिलहाल ही इसे अपने पर्यटन मानचित्र में लाया गया है.
सुधीर कुमार हल्द्वानी में रहते हैं. लम्बे समय तक मीडिया से जुड़े सुधीर पाक कला के भी जानकार हैं और इस कार्य को पेशे के तौर पर भी अपना चुके हैं. समाज के प्रत्येक पहलू पर उनकी बेबाक कलम चलती रही है. काफल ट्री टीम के अभिन्न सहयोगी.
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Bahut sunder jagah ka pataa chalaa.
Ishwar ne haaha toh Barati fall visit karoongaa.
आपकी कृपा से जल्द ही इस स्थान की दुर्गति अवश्यसंभावी है । क्योंकि आपने बड़ी मेहनत से इस रहस्य को अनावृत जो किया है । 😁