व्यंग्य रचते चित्र

6 years ago

एक चित्र हज़ार शब्दों एक बराबर होता है. और एक व्यंग्य चित्र लाखों के बराबर.

जब हल्द्वानी के जंगलों में कत्था बनाने की भट्टियां लगती थी

6 years ago

[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी के कुछ पुराने परिवार] नरोत्तम शारदा पहाड़ से आने वाली बहुमूल्य जड़ी-बूटियों के कारोबारी हुआ करते थे.…

उत्तराखंड में औद्योगिक भांग की खेती

6 years ago

उत्तराखंड सरकार ने पौड़ी गढ़वाल जिले में औद्योगिक भांग की खेती को बढ़ावा देने की खातिर एक प्रायोगिक परीक्षण शुरू…

गौरैया बचाने की मुहिम

6 years ago

..क्या आपने ख़्याल किया है कि लगातार आपके ​इर्द-गिर्द​ ​गौरैया की तादाद घटती जा रही है? आप याद करें आपने…

कॉर्बेट के बाघों की मौत की सीबीआई जांच

6 years ago

हाईकोर्ट ने कॉर्बेट पार्क में बीते ढाई वर्षों में 40 बाघों और 272 तेंदुओं के मारे जाने तथा इसमें वन…

कुमाऊं का बारदोली था सल्ट का खुमाड़

6 years ago

कुलीबेगार से पहले कुमाऊं में सामाजिक हलचल: वर्ष 1942 में खुमाड़ सल्ट तथा सालम में जिस विद्रोह का प्रस्फुटन हुआ,…

चुनने की स्वतंत्रता या मजबूरी और अतीत के उलझे धागे

6 years ago

  आशीष ठाकुर आशीष मूलतः मध्यप्रदेश के निवासी हैं.फिलहाल पिछले 15 वर्षों से मुंबई में रहते हैं. पहले एडवरटाइजिंग, फिर…

इस शहर के लोग उनको रोज़ जूतों से कुचल कर चले जाते है

6 years ago

शिखर गोयल की कविताएं शिखर गोयल का जन्म 1993 में दिल्ली में हुआ. इनकी नज्में कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं…

कंकालों के अनसुलझे रहस्यों वाले रूपकुंड की यात्रा

6 years ago

विनीता यशस्वी विनीता यशस्वी नैनीताल  में रहती हैं.  यात्रा और  फोटोग्राफी की शौकीन विनीता यशस्वी पिछले एक दशक से नैनीताल समाचार…

छात्र राजनीति में जागरूकता का अभाव- सन्दर्भ गढ़वाल विश्वविद्यालय

6 years ago

यह आलेख हमें हमारे पाठक कमलेश जोशी ने भेजा है. कमलेश का एक लेख - सिकुड़ते गॉंव, दरकते घर, ख़बर…