खिड़की में खड़ी सपनों की रानी

6 years ago

दुनिया या प्रेम में खुलती खिड़की -संजय व्यास डाकिया आज भी उसे कायदे से नहीं जान पाया था भले ही…

यहां मैंने कुत्तों को लोमड़ियों की तरह गहरी मांद बना कर बच्चे देते देखा

6 years ago

गिलहरी का घोंसला -चन्द्रभूषण घर के सामने एक शहतूत और एक बकाइन का पेड़ है. दोनों मेरे ही लगाए हुए…

एक बुरूंश कहीं खिलता है

6 years ago

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 1 एक बुरूंश कहीं खिलता है - हरीश चन्द्र पांडे खून को अपना रंग…

क्या आपको भी अपने गाँव का घर बुलाता है?

6 years ago

मेरे घर रह जाना -शिवप्रसाद जोशी “मेरी सबसे सतत और सजीव स्मृतियां लोगों के बारे में उतनी नहीं हैं जितनी…

सिनेमा : कालजयी फ्रेंच फिल्म ‘रेड बैलून’ का जादू

6 years ago

फ़्रांस के फ़िल्मकार अलबर्ट लेमुरेस्सी द्वारा बच्चों के लिए बनायी फ़िल्म ‘रेड बैलून’ अपने निर्माण के साठ साल बीत जाने…

तूने मारी एंट्रियाँ रे दिल में बजी घंटियाँ रे उर्फ़ एक उत्तराखंडी कल्चर फेस्टिवल की पहली झलकी

6 years ago

अल्मोड़ा में इन दिनों अल्मोड़ा फेस्टिवल चल रहा है. यह सभी जानते हैं कि हमारी सरकारें लम्बे समय से इस…

उत्तराखण्ड निकाय चुनावों में भीतरघातियों का बोलबाला

6 years ago

नगर निकाय चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस द्वारा अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने की साथ ही उत्तराखण्ड का राजनीतिक…

पहाड़ और मेरा बचपन – 4

6 years ago

पिछली क़िस्त पहाड़ और मेरा बचपन – 3 गांव की और भी कई धुंधली यादें हैं. मसलन यह कि मैं…

कभी झूठ न बोलने वाले मोहम्मद की कहानी

6 years ago

अफ्रीकी लोक-कथाएँ : 1 बहुत पुरानी बात है मोहम्मद नाम का एक अक्लमंद इंसान था. वह कभी झूठ नहीं बोलता…

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 1

6 years ago

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…