रामनगर, भाभर के जंगलों में जड़ी बूटी खोजते हुए मेरी माकोट की आमा मालू की उझली हुई बेलों से कभी-कभी…
सुन्दर चन्द ठाकुर के कॉलम पहाड़ और मेरा जीवन – अंतिम क़िस्त (पिछली क़िस्त: मैं बना चौबीस रोटियों का डिनर…
हर शहर की अपनी एक सुबह होती है उसकी कुछ ख़ास आदतें होती हैं जो उसे ओरों से जुदा बनाती…
मनुष्य और वन्यजीव के बीच सदियों से संघर्ष रहा है. इस संघर्ष को वर्तमान परिपेक्ष्य में कैसे देखें? कोई जानवर…
कमोबेश पिछले आधा दर्ज़न वर्षों से हम स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे हैं. जिस तरह आदमी की हजामत बना,…
दिल्ली विधानसभा चुनाव निपटने के साथ ही एग्जिट पोल के नतीजे आ गए. जितने भी पोल आये सभी में आप…
शरीर को स्वस्थ निरोगी बनाये रखने के लिए पहाड़ में व्रत उपवास की परंपरा रही. हर महिने कोई ना कोई…
बीती शाम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री फेसबुक के माध्यम से सीधे जनता के जवाब देते दिखे. इस साल के उत्तराखंड बजट…
मदन जी पूरी रात नहीं सोए. और करवट भी नहीं बदल पाए. एक तरफ़ कनक भूधराकार सरीरा उनकी पत्नी सो…
सुबह जागे तो मौसम ठंडा और खुशनुमा था. चाय पीने के बाद कुछ देर आंगन में धूप के इंतजार में…