चापलूस-भलेमानुस की छवि बनाए रखना दुकानदारी की पहली शर्त है. एक दुकानदार को सफलता हासिल करने के लिए झूठमूठ हंसने…
1842 के बाद एक शहर के रूप में अस्तित्व में आए नैनीताल शहर को वैदिक काल से त्रि ऋषि सरोवर…
यह लेख भी सन् 1920 में डाँग श्रीनगर निवासी श्री गोविन्दप्रसाद घिल्डियाल, बी.ए. डिप्टी कलेक्टर, उन्नाव द्वारा लिखित और विश्वंभरदत्त…
रानीखेत रोड से बाजार की तरफ बढ़ने पर बाईं ओर एमईएस परिसर की तरफ पक्के पैराफिट से लगे कई कच्चे…
तो, नित्यानंद मैठाणी जी भी चले गए. 14 सितम्बर, 2020 की रात 86 वर्ष की आयु में लखनऊ में उनका…
अपने गीतों व गायन के माध्यम से लोगों में जनचेतना का संचार करने वाले और उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान, लस्का…
मुक्तेश्वर जैसे छोटे से कस्बे ताल्लुक रखने वाली निर्मला ने आखिर मायानगरी में अपना मुकाम बना ही लिया. निर्मला तमाम…
इक्कीसवीं सदी के बहुत प्रतिभाशाली बुद्धिजीवी और हिब्रू यूनिवर्सिटी युरोशलम में प्रोफेसर युवाल नोवा हरारी अपने एक लेख में बताते…
गांव में एक चचा थे, सरिया और एल्युमिनियम के तार मोड़कर इतनी जबर्दस्त गाड़ियां बनाते थे कि क्या कहने, रविवार…
दोस्तों, बचपन में होश संभालते ही सामाजिक रीति-रिवाजों के बावत जानकारी होना शुरू हुई. इन्हीं में से एक 'भाड़' हो…