मदारी: हिन्दुस्तानी सड़कों पर खेली जाने वाली एक कहानी

4 years ago

डुगडुगी की गड़गड़ाहट हवा में बुलंद हुई तो बाजार की सड़क पर गुज़रते राहगीरों का ध्यान अनायस ही उस ओर…

शैलेश मटियानी की जन्मतिथि पर भावपूर्ण स्मरण

4 years ago

दुख ही जीवन की कथा रहीक्या कहूँ आज जो नहीं कही निराला जी की ये पंक्तियाँ जितनी हिंदी काव्य के…

उत्तराखंड की वनराजी जनजाति पर जमीनी रपट

4 years ago

उत्तराखंड की पांच जनजातियों थारू, बोक्सा, भोटिया, जौनसारी और वनराजी में संभवतः सबसे पिछड़ी और कम जनसंख्या वाली जनजाति है…

मैमूद: शैलेश मटियानी की कालजयी कहानी

4 years ago

महमूद फिर ज़ोर बाँधने लगा, तो जद्दन ने दायाँ कान ऐंठते हुए, उसका मुँह अपनी ओर घुमा लिया. ठीक थूथने…

मासी: ऊंचे कैलास में खिलने वाला हिमालय के देवी-देवताओं का प्रिय फूल

4 years ago

मासी, रैमासी, जटामासी किसी भी नाम से पुकार लीजिये इसकी महक कम न होगी. पहाड़ के अनेक लोकगीतों में इसके…

टीवी है ज़रूरी: उमेश तिवारी ‘विश्वास’ का व्यंग्य

4 years ago

एक ज़माने में जब मुल्क में टी वी अवतरित हुआ उसे दूरदर्शन के नाम से जाना गया. मालूम नहीं उसका…

डड्वार: गढ़वाल की विलुप्त होती परम्परा

4 years ago

डड्वार, गढ़वाल में दिया जाने वाला एक प्रकार का पारितोषिक है. जिसे पहले तीन लोगों को दिया जाता था: ब्राह्मण,…

हल्द्वानी के गट्टू भाई का बाघ से सामना

4 years ago

नई-नई शादी के पंद्रह दिन बाद उस रात गट्टू भाई की अपनी बीवी से पहली लड़ाई हुई. बीवी का लिहाज…

प्रिय अभिषेक का चुटीला व्यंग्य ‘माचिस कहां है’

4 years ago

एक कप पानी. एक कप दूध. अरे गैस तो जलाई ही नहीं. माचिस कहाँ है? कहाँ है माचिस? गैस के…

न्यू नॉर्मल में केदारनाथ की यात्रा

4 years ago

यूँ तो पिछले तीन वर्षों से अपने शोध कार्य को लेकर मैं लगातार केदारनाथ जाता रहा हूँ लेकिन इस साल…