उत्तराखंड की नई पीढ़ी नहीं पहचानती इस लोक वाद्ययंत्र को

3 years ago

उत्तराखंड लोक गीतों, लोक नृत्यों और पारंपरिक वाद्ययंत्रों का खजाना है. उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के वाद्य यंत्र हों या…

ब्रह्म मुहूर्त का ज्ञान

3 years ago

https://www.youtube.com/embed/1GPHgRN1J5k भोजन का आनंद लेना है, तो भूख लगनी जरूरी है. नींद का आनंद लेना है, तो थकान होनी जरूरी…

बर्फबारी के मौसम में आंचरियों के टोले

3 years ago

पहाड़ों में भूत मसाण का खूब डर हुआ फिर परी, आचंरी, डेणी लगे ही रहने वाले हुये. बड़ों के लिये…

गढ़वाल के सामाजिक विकास के इतिहास में पूर्णानन्द नौटियाल का योगदान

3 years ago

बचपन में मिले अभावों की एक खूबी है कि वे बच्चे को जीवन की हकीकत से मुलाकात कराने में संकोच…

लाल बहादुर दाई उर्फ़ हनुमान क्वाड़ी

3 years ago

यूँ तो हमारे आसपास होने वाले घटनाक्रमों के बीच कई बार ऐसा भी होता है कि कोई अंजान शख़्सियत किसी…

बर्फबारी के बाद पहाड़ियों का जीवन

3 years ago

सोशियल मीडिया की दुनिया में बर्फबारी देखकर हर किसी का दिल सैलानी बनकर पहाड़ में रहने का होता है. बर्फबारी…

मकड़ू पधान की कहानी

3 years ago

अतीत पहाड़ों में वेगवान पवन और जलधाराओं के अतिरिक्त कुछ भी तो गतिमान नहीं है. सूरज तो उगता है पर…

पहाड़ों में ‘धिनाली’ और उससे जुड़ी लोक मान्यतायें

3 years ago

धिनाली कुमाऊनी का एक शब्द है जिसका सामान्य मतलब होता है- दूध, दही, घी, मठ्ठा, मक्खन आदि यानि दूध और…

बर्फबारी के बाद अल्मोड़ा शहर : फोटो निबंध

3 years ago

बर्फ का गिरना किसी उत्सव से कम नहीं. कुदरत के इस इख्तियार पर इंसान बहुत कुछ लूटा देने को तैयार…

रिलकोट में तेज हवा की धार के बीच नर मेमनों का बधियाकरण

3 years ago

अस्थायी प्रवास हिमालय के चरवाहों के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है. ये चरवाहे पहिये की तरह साल भर मवेशियों,…