Viren Dangwal

बरेली में वीरेन डंगवाल के स्मारक का लोकार्पण : एक्सक्लूसिव तस्वीरेंबरेली में वीरेन डंगवाल के स्मारक का लोकार्पण : एक्सक्लूसिव तस्वीरें

बरेली में वीरेन डंगवाल के स्मारक का लोकार्पण : एक्सक्लूसिव तस्वीरें

साहित्य अकादेमी सम्मान से पुरुस्कृत विख्यात हिन्दी कवि वीरेन डंगवाल की स्मृति में बरेली में एक स्मारक का लोकार्पण आज…

5 years ago
पितृपक्ष: वीरेन डंगवाल की कवितापितृपक्ष: वीरेन डंगवाल की कविता

पितृपक्ष: वीरेन डंगवाल की कविता

 पितृपक्ष -वीरेन डंगवालमैं आके नहीं बैठूंगा कौवा बनकर तुम्हारे छज्जे परपूड़ी और मीठे कद्दू की सब्ज़ी के लालच मेंटेरूँगा नहीं…

6 years ago
रह गई है अभी कहने से सबसे ज़रूरी बातरह गई है अभी कहने से सबसे ज़रूरी बात

रह गई है अभी कहने से सबसे ज़रूरी बात

कुछ कद्दू चमकाए मैंनेकुछ रास्तों को गुलज़ार कियाकुछ कविता-टविता लिख दीं तोहफ़्ते भर ख़ुद को प्यार किया अब हुई रात…

6 years ago
असल झण्डा छूने तक को न मिला – वीरेन डंगवाल की कविता ‘पन्द्रह अगस्त’असल झण्डा छूने तक को न मिला – वीरेन डंगवाल की कविता ‘पन्द्रह अगस्त’

असल झण्डा छूने तक को न मिला – वीरेन डंगवाल की कविता ‘पन्द्रह अगस्त’

पन्द्रह अगस्त - वीरेन डंगवाल सुबह नींद खुलती तो कलेजा मुंह के भीतर फड़क रहा होता ख़ुशी के मारे स्कूल भागता झंडा खुलता ठीक…

6 years ago
कितनी भी बड़ी हो तोप, एक दिन तो होना ही है उनका मुँह बन्द!कितनी भी बड़ी हो तोप, एक दिन तो होना ही है उनका मुँह बन्द!

कितनी भी बड़ी हो तोप, एक दिन तो होना ही है उनका मुँह बन्द!

पहली बार उनका नाम प्रोफेसर श्योराज सिंह बेचैन से सुना था कि बाबा साहेब आंबेडकर की पत्रकारिता पर उनके रिसर्च…

6 years ago
कभी-कभी बताती है बच्चा पैदा करना कोई हँसी-खेल नहींकभी-कभी बताती है बच्चा पैदा करना कोई हँसी-खेल नहीं

कभी-कभी बताती है बच्चा पैदा करना कोई हँसी-खेल नहीं

हर कवि की एक मूल संवेदना होती है जिसके इर्द-गिर्द उसके तमाम अनुभव सक्रिय रहते हैं. इस तरह देखें तो…

6 years ago
बिटिया कैसे साध लेती है इन आँसुओं को तूबिटिया कैसे साध लेती है इन आँसुओं को तू

बिटिया कैसे साध लेती है इन आँसुओं को तू

कहने को तो वीरेन डंगवाल हिंदी के एम.ए.पीएच.डी और लोकप्रिय, बढ़िया प्राध्यापक थे, एक बड़े दैनिक के सम्पादक भी रहे,…

6 years ago
उत्तर भारत का दिल हिंदी में धड़कता है – वीरेन डंगवालउत्तर भारत का दिल हिंदी में धड़कता है – वीरेन डंगवाल

उत्तर भारत का दिल हिंदी में धड़कता है – वीरेन डंगवाल

वीरेन डंगवाल (5 अगस्त 1947 – 27 सितम्बर 2014) समकालीन हिन्दी कविता के सबसे लोकप्रिय कवियों में गिने जाते हैं. साहित्य अकादेमी…

6 years ago
मोबाइल पर उस लड़की की सुबहमोबाइल पर उस लड़की की सुबह

मोबाइल पर उस लड़की की सुबह

मोबाइल पर उस लड़की की सुबह-वीरेन डंगवाल सुबह-सवेरेमुँह भी मैलाफिर भी बोलेचली जा रहीवह लड़की मोबाइल पररह-रहचिहुँक-चिहुँक जाती हैकुछ नई-नई-सी…

6 years ago
भूख को पहचानने वाली विनम्र चैम्पियन पी टी ऊषा का जन्मदिन है आजभूख को पहचानने वाली विनम्र चैम्पियन पी टी ऊषा का जन्मदिन है आज

भूख को पहचानने वाली विनम्र चैम्पियन पी टी ऊषा का जन्मदिन है आज

एथलेटिक्स में भारत को पहली बार विश्वस्तरीय ऊंचाइयों पर पहुंचाने का श्रेय पी टी ऊषा को जाता है. ओलिम्पिक्स और…

6 years ago