Vinod Pant

रोपाई से जुड़ी परम्पराओं पर एक महत्वपूर्ण लेख

आज भले ही हमारे खेत बंजर हो रहे हैं. हम गुणी-बानरों की बात कहकर खेती छोड़ रहे हों पर एक…

2 years ago

असौज का नाम आते ही पहाड़ में बुतकार लोगों की बाजुएं फड़कने लगती हैं

असौज का नाम आते ही पहाड़ में बुतकार लोगों की बाजुएं फड़कने लगती हैं और कामचोरों की सास मर जाती…

3 years ago

गले में पाटी लटकाकर स्कूल जाने की याद

लोग अपने कालेज के दिन याद करते हैं. जवानी के दिनों पर चर्चा करते हैं पर मुझे लगता है पहाड़ी…

3 years ago

‘ओखल’ पहाड़ के परिवारों का आधार

ओखव या ओखली पहाड़ के परिवारों का आधार है. धान कूटने का यह स्थान बेहद पवित्र माना जाता है. इसको…

3 years ago

पहाड़ों में ‘धिनाली’ और उससे जुड़ी लोक मान्यतायें

धिनाली कुमाऊनी का एक शब्द है जिसका सामान्य मतलब होता है- दूध, दही, घी, मठ्ठा, मक्खन आदि यानि दूध और…

3 years ago

‘ह्यून’ पहाड़ों में सर्दी का मौसम

ह्यून यानि कि सर्दी का मौसम. पहाड़ों के मुख्य तीन मौसम - रूड़, चौमास, ह्यून में सबसे अच्छा मौसम ह्यून…

3 years ago

ताकुला की आमा का होटल और पहाड़ियों की बस यात्रा

शहरों से पहाड़ को लौटने पर हल्द्वानी से ही एक अलग उर्जा का संचार होने लगता है. लम्बे सफ़र की…

3 years ago

पहाड़ में कौतिक की बेमिसाल यादें

कौतिक का मतलब होता है मेला. मेले तो हर जगह लगते हैं और हर मेले का अपना सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और…

3 years ago

ठेठ पहाड़ी खेलों की याद

खेल के मैदान में आजकल भारत के कई खिलाड़ी कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. पढाई के साथ खेलकूद को भी…

3 years ago

ठेठ कुमाऊनी खानपान की रंगत

आजकल सोशल मीडिया और यूट्यूब वगैरह में जो कुमाऊनी थाली दिखाई जाती है उसमें दाल, भात, डुबके, आलू के गुटके…

3 years ago