Prabhat Upreti

एक तगड़े शर्मीले डोटियाल की कथा

नेपाल के डोटी गाँव से आया एक प्यारा-सा तगड़ा शरमीला किशोर ग्रामीण सोर घाटी में मजदूरी करता था. बोझा वह…

3 years ago

जिंदे को लात, मरे को भात: एक उत्तराखंडी लोककथा

एक गांव में एक बहुत बूढ़ा अपने छोटे लड़के, बहू और अपनी औरत के साथ रहता था. उसके दो लड़के…

4 years ago

चट्टान से गिरकर अकाल मृत्यु को प्राप्त पहाड़ी घसियारिनों को समर्पित लोकगाथा ‘देवा’

बहुत सुन्दर गाँव था. खूब गधेरा पानी. अपनी बंजाणी घना जंगल और थी उसी गाँव में एक सुन्दर निर्मल झरने…

4 years ago

‘हरी भरी उम्मीद’ की समीक्षा : प्रभात उप्रेती

सारे भारत में जनजातीय इलाकों में जो कौम बसती थी उनको रोजी-रोटी जिंदगी, जंगलों से चलती है. उनका उन पर…

4 years ago

च्यूरे का पेड़ आज भी शिवजी के वरदान को निभा रहा है

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree गरीब तो बहुत होते हैं पर वह निहंग…

4 years ago

कभी छत में आने की फुर्सत तो निकालो प्यारे

मेरे दार्शनिक बाबूजी कहते थे, जिंदगी में सुखी रहोगे अगर ये अंदर बिठा लो 'ये भी न रहेगा’. इस सूत्र…

4 years ago

जिबुवा अड़ान और पिथौरागढ़ की फुटबॉल के पुराने सुपरस्टार

[सीमांत जिला पिथौरागढ़ हमेशा से प्रतिभाओं का धनी रहा है. यहां के लोगों ने लगभग सभी क्षेत्रों में अपना नाम…

5 years ago

पॉलीथिन बाबा का प्रभात

गाँधी जयंती पर देश को पॉलिथीन मुक्त करने का सन्देश लालकिले की प्राचीर से देते मोदी बाबा. हिमालय बचाओ पॉलिथीन…

5 years ago