Folk music of Uttarakhand

धनतेरस पर सिर्फ ढोल दमाउँ और मसकबीन खरीदने वाले इस पहाड़ी परिवार का कौन दीवाना न हो जाए

रक्षा अनुसंधान संस्थान देहरादून में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत डी पी त्रिपाठी का शौक अलग है, सपने भी और…

5 years ago

पाण्डवाज़ का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

[एक ऐसे समय में जब कुमाऊँ-गढ़वाल का लोकसंगीत संभवतः अपने सबसे बुरे और बेसुरे दौर से गुज़र रहा था, ताज़ा…

5 years ago

सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा

सुसाट मन को कपोरता है. लग जाता है एक उदेख जिसके अंदर कुहरा जाती है बाली कुसुमा की ओसिल कहानी.…

6 years ago