Devesh Joshi

फूल बन कर खिलने वाली पर्वतपुत्री है फ्यूंली

गढ़वाल में चैत के महीने में गाए जाने वाले लोकगीत चैती कहलाते हैं. अधिकतर लोकगीतों का वर्ण्य विषय लोकगाथाएँ होती…

5 years ago

फुलदेई : बसंत-पुजारी पहाड़ी बच्चों की आस का पर्व

बसंत पंचमी से प्रारम्भ बसंत मैदानी क्षेत्र में होली के साथ विदा ले लेता है पर पहाड़ में ये बैसाखी…

5 years ago

विक्रम : देहरादून में आम आदमी की लाइफ लाइन

फेसबुक से जुड़ा एक युवा मित्र बीते दिसम्बर में मैसेज कर देहरादून में अपने परीक्षा केंद्र की लोकेशन और पहुँचने…

5 years ago

साल नया है, चक्कर पुराना

लो, अपनी पृथ्वी ने एक और चक्कर पूरा कर लिया है. वैसे ये चक्कर साल के किसी भी दिन पूरा…

5 years ago

लोकगीत में अमर स्मृति : चंद्रसिंह गढ़वाली

वैचारिक रूप से प्रखर, वीर चंद्रसिंह गढ़वाली की ख्याति 23 अप्रैल 1930 के पेशावर विद्रोह के कारण अधिक है पर…

5 years ago

कहते हैं पहाड़ियों का भाग, भागकर ही जागता है

प्रवास अर्थात अपने मुल्क से दूर गैर मुल्क में बस जाना. ये गैर मुल्क अपने देश में भी हो सकता…

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उचाणा को मेरो मैर : महिलाओं का रचा उत्तराखंडी लोकगीत

उचाणा को मेरो मैर, कनो पड़े गंगाळ! बग्द-बग्द मैर गए देवप्रयाग बेड़, हेरी हेरी दिदा ऐग्यूं रीति घर! हे शोभनू…

5 years ago

उत्तराखण्ड का पहला कृषि आपदा लोकगीत

सळौ डारि ऐ गैना, डाळि बोटि खै गैना. (Uttarakhand's agricultural disaster song) फसल पात चाटि गैना, बाजरो खाणों कै गैना.…

5 years ago

‘गहन है यह अन्धकारा’ में दूर कहीं उजास दिखता है

पुलिस के पास ढेरों कहानियां होती हैं. हर तबके की, हर तरह की. कहानी बनाना भी आ जाता है और…

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राज्य के सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्यों में एक महावीर सिंह चौहान नहीं रहे – असामयिक निधन

देहरादून के सर्वाधिक छात्रसंख्या वाले सरकारी माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य का असामयिक निधन हो गया है. बात इतनी-सी ही नहीं…

5 years ago