Bhuwan Chandra Pant

कुछ यों होती थी हमारे बचपन की रामलीला

वो भी क्या दिन थे? कोई 12-13 बरस की उमर रही होगी. रामलीला हमारे गांव से 5 मील दूर भवाली…

4 years ago

जिनके बिना भवाली का इतिहास अधूरा है

ब्रिटिश शासन के दौरान ही भवाली के पास नैनीताल-हल्द्वानी रोड पर लगभग एक किमी की दूरी पर वर्ष 1912 में…

4 years ago

आज़ादी के बाद भवाली के इतिहास के पन्ने और मां काली के उपासक श्यामा बाबा

साल 1964 का जुलाई का महीना रहा होगा, जब भवाली के गोबिन्द बल्लभ पन्त हायर सेकेन्डरी स्कूल में दर्जा 6…

4 years ago

उतीस के पेड़ का रहस्य और नीम करौली महाराज

आज 15 जून है, यदि सामान्य स्थिति होती और पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से नहीं जूझ रहा होता तो…

4 years ago

यादों में जिन्दा रहेंगे भवाली के देवी मास्टर

झक्क सफेद, बादामी अथवा क्रीम कलर का लखनवीं चिकन का कुर्ता, नीचे सफेद पायजामा अथवा सुनहरे किनारे वाली चिट्ट सफेद…

4 years ago

ग्राफ्टिंग तकनीक से बदल सकती है उत्तराखण्ड की भी तस्वीर

उद्यानिकी के क्षेत्र में ग्राफ्टिंग टैक्नीक (कलम बन्दी विधि) कोई नया प्रयोग नहीं है, वर्षों से उद्यानों में इस विधि…

5 years ago

हमारे बचपन में अभावों का भी बढ़ा भाव था

नोस्टालजिया का झरोखा तो सुकून देता ही है जनाब! चाहे वह कितना ही अभावों भरा क्यों न हो. लेकिन सच…

5 years ago

डॉ. राम मनोहर लोहिया जन्मदिन विशेष

स्वातंत्रोत्तर भारत में समाजवाद विचारधारा को धार देने में आचार्य नरेन्द्र देव, डॉ. राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण…

5 years ago

द्वार पूजा का पर्व भी है फूलदेई

उत्तराखण्डियों का बालपर्व - फूलदेई सनातनी संस्कृति में घर का द्वार केवल घर में प्रवेश करने का रास्ता न होकर…

5 years ago

नैनतालियों की ठसक और अल्मोड़ियों की फसक का बिंदास अंदाज

महज एक टूरिस्ट डेस्टिीनेशन नहीं है नैनीताल. कुदरत ने तो इसे तराशने में संजीदगी बरती ही है, लेकिन शहर की…

5 years ago