Bhawana Juyal

वैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषण

रामगंगा घाटी की स्थानीय बोली में आभूषणों को ‘हतकान’ कहा जाता है, इससे ज्ञात होता है कि प्राचीन समय में…

10 months ago

कुमाऊनी लोकजीवन में रहन-सहन और खान-पान की परम्परा

“सम्यक् प्रकारेण विरोधाभावान् अपास्य समभावान् जीवनोपयोगिनः करोति इति संस्कृतिः”  अर्थात संस्कृति वह है जो मानवता को विकृत करने वाले भावों…

3 years ago

उत्तराखण्ड में मृतात्माओं से जुड़े लोकविश्वास

उत्तराखण्ड अद्वितीय प्राकृतिक सुन्दरता और अनूठी लोकसंस्कृति से समृद्ध है. यहाँ के समाज में प्रचलित ढेरों किस्से-कहानियाँ मन को आनन्दित…

3 years ago

उत्तराखण्ड में लोकविश्वास

"मामा आ गए-मामा आ गए," चहकती हुई शारदा माँ के पास आई. माँ बोली, "मैं ना कहती थी, कोई मेहमान…

3 years ago

गायब हो गए हैं उत्तराखण्ड से बच्चों के परम्परागत बाल परिधान

वेशभूषा से किसी भी इलाके के स्थानीय निवासियों की पहचान होती है. ये वेशभूषाएं पारंपरिक तौर पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी पहनी जाती…

3 years ago

भारतीय इतिहास लेखन में क्षेत्रीय इतिहास की भूमिकाः उत्तराखण्ड के संदर्भ में

भारत के प्रथम ऐतिहासिक ग्रंथ राजतरंगिणी के रचियता कल्हण ने ठीक ही कहा है—  श्लाध्यः स एव गुणवान् रागद्वेष बहिष्कृता भूतार्थकथने…

3 years ago