Bhawana Juyal

कुमाऊनी लोकजीवन में रहन-सहन और खान-पान की परम्परा

“सम्यक् प्रकारेण विरोधाभावान् अपास्य समभावान् जीवनोपयोगिनः करोति इति संस्कृतिः”  अर्थात संस्कृति वह है जो मानवता को विकृत करने वाले भावों…

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उत्तराखण्ड में मृतात्माओं से जुड़े लोकविश्वास

उत्तराखण्ड अद्वितीय प्राकृतिक सुन्दरता और अनूठी लोकसंस्कृति से समृद्ध है. यहाँ के समाज में प्रचलित ढेरों किस्से-कहानियाँ मन को आनन्दित…

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उत्तराखण्ड में लोकविश्वास

"मामा आ गए-मामा आ गए," चहकती हुई शारदा माँ के पास आई. माँ बोली, "मैं ना कहती थी, कोई मेहमान…

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गायब हो गए हैं उत्तराखण्ड से बच्चों के परम्परागत बाल परिधान

वेशभूषा से किसी भी इलाके के स्थानीय निवासियों की पहचान होती है. ये वेशभूषाएं पारंपरिक तौर पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी पहनी जाती…

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भारतीय इतिहास लेखन में क्षेत्रीय इतिहास की भूमिकाः उत्तराखण्ड के संदर्भ में

भारत के प्रथम ऐतिहासिक ग्रंथ राजतरंगिणी के रचियता कल्हण ने ठीक ही कहा है—  श्लाध्यः स एव गुणवान् रागद्वेष बहिष्कृता भूतार्थकथने…

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