प्रसिद्ध समाज सुधारक हरिप्रसाद टम्टा ने सन् 1935 में लिखा कि ‘सन् 1911 में जार्ज पंचम के अल्मोड़ा आगमन पर…
‘आज शाम ठीक 4 बजे चौघानपाटा में… के खिलाफ आम जन की आवाज बुलंद करने के लिए शमशेर बिष्ट एवं…
गंगोत्री गर्ब्याल की आत्मकथा ‘यादें’ की भूमिका में-डा. आर.एस.टोलिया के लिखा है - ‘‘प्रसिद्ध इतिहासविद् डा. शिव प्रसाद डबराल ने…
[फेसबुक में उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीजनों को कंडाली/सिसोंण से बनाई 'फतकी' पहने मधुर मुस्कराती फोटो देखी तो…
“जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया कि जैसे बस्ती और सभ्यता…
अल्मोड़ा में खीम सिंह-मोहन सिंह की बालमिठाई, तो श्रीनगर में धनाईजी के पेड़ों का जबा़ब नहीं है. दशकों पहले हनुमान…
पिताजी का तबादला अगस्त, 1972 में जोशीमठ से काशीपुर हुआ था. पहाड़ से उतरकर पहली बार प्लेन्स देखा. हर चीज…
अल्मोड़ा से श्रीनगर वाया रानीखेत 22 सितम्बर, 2019 बादलों की गड़गड़ाहट और बारिश की दणमण-दणमण रात भर होती रही. सुबह…
श्रीनगर से अल्मोड़ा वाया सोमेश्वर : एक यात्रा श्रीनगर से अल्मोड़ा की ओर भोर में चले हैं. नींद से जागती…
शमशेर सिंह बिष्ट ठेठ पहाड़ी थे. उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व. जल, जंगल…