Arun Kuksal

कफल्टा से श्रीकोट तक उत्तराखंड का जातिवादी चेहराकफल्टा से श्रीकोट तक उत्तराखंड का जातिवादी चेहरा

कफल्टा से श्रीकोट तक उत्तराखंड का जातिवादी चेहरा

प्रसिद्ध समाज सुधारक हरिप्रसाद टम्टा ने सन् 1935 में लिखा कि ‘सन् 1911 में जार्ज पंचम के अल्मोड़ा आगमन पर…

5 years ago
युवा मन का शेर ‘शमशेर’ : जन्मदिन विशेषयुवा मन का शेर ‘शमशेर’ : जन्मदिन विशेष

युवा मन का शेर ‘शमशेर’ : जन्मदिन विशेष

‘आज शाम ठीक 4 बजे चौघानपाटा में… के खिलाफ आम जन की आवाज बुलंद करने के लिए शमशेर बिष्ट एवं…

5 years ago
अपने गांव फिर आना प्यारी दीदी, प्यारी बेटी: गंगोत्री गर्ब्याल की यादअपने गांव फिर आना प्यारी दीदी, प्यारी बेटी: गंगोत्री गर्ब्याल की याद

अपने गांव फिर आना प्यारी दीदी, प्यारी बेटी: गंगोत्री गर्ब्याल की याद

गंगोत्री गर्ब्याल की आत्मकथा ‘यादें’ की भूमिका में-डा. आर.एस.टोलिया के लिखा है - ‘‘प्रसिद्ध इतिहासविद् डा. शिव प्रसाद डबराल ने…

5 years ago
जो काम राज्य सरकार आज करने को कह रही है, अमर सिंह रावत उसे नब्बे साल पहले कर चुके थेजो काम राज्य सरकार आज करने को कह रही है, अमर सिंह रावत उसे नब्बे साल पहले कर चुके थे

जो काम राज्य सरकार आज करने को कह रही है, अमर सिंह रावत उसे नब्बे साल पहले कर चुके थे

[फेसबुक में उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीजनों को कंडाली/सिसोंण से बनाई 'फतकी' पहने मधुर मुस्कराती फोटो देखी तो…

5 years ago
बचपन की ओर यात्रा का अनूठा और ऐतिहासिक दस्तावेज है नेत्रसिंह रावत की किताब ‘पत्थर और पानी’बचपन की ओर यात्रा का अनूठा और ऐतिहासिक दस्तावेज है नेत्रसिंह रावत की किताब ‘पत्थर और पानी’

बचपन की ओर यात्रा का अनूठा और ऐतिहासिक दस्तावेज है नेत्रसिंह रावत की किताब ‘पत्थर और पानी’

“जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया कि जैसे बस्ती और सभ्यता…

5 years ago
100 साल पुराना है धनाई मिष्ठान भण्डार का इतिहास100 साल पुराना है धनाई मिष्ठान भण्डार का इतिहास

100 साल पुराना है धनाई मिष्ठान भण्डार का इतिहास

अल्मोड़ा में खीम सिंह-मोहन सिंह की बालमिठाई, तो श्रीनगर में धनाईजी के पेड़ों का जबा़ब नहीं है. दशकों पहले हनुमान…

5 years ago
पहाड़ से प्लेन्स आने के बाद की वह न भूलने वाली पहली दीवालीपहाड़ से प्लेन्स आने के बाद की वह न भूलने वाली पहली दीवाली

पहाड़ से प्लेन्स आने के बाद की वह न भूलने वाली पहली दीवाली

पिताजी का तबादला अगस्त, 1972 में जोशीमठ से काशीपुर हुआ था. पहाड़ से उतरकर पहली बार प्लेन्स देखा. हर चीज…

5 years ago
ओ गगास! छिन अकास-छिन पतालओ गगास! छिन अकास-छिन पताल

ओ गगास! छिन अकास-छिन पताल

अल्मोड़ा से श्रीनगर वाया रानीखेत 22 सितम्बर, 2019 बादलों की गड़गड़ाहट और बारिश की दणमण-दणमण रात भर होती रही. सुबह…

5 years ago
एशिया की सुन्दरतम घाटी है सोमेश्वर घाटीएशिया की सुन्दरतम घाटी है सोमेश्वर घाटी

एशिया की सुन्दरतम घाटी है सोमेश्वर घाटी

श्रीनगर से अल्मोड़ा वाया सोमेश्वर : एक यात्रा श्रीनगर से अल्मोड़ा की ओर भोर में चले हैं. नींद से जागती…

5 years ago
शमशेर सिंह बिष्ट का एक आत्मीय संस्मरणशमशेर सिंह बिष्ट का एक आत्मीय संस्मरण

शमशेर सिंह बिष्ट का एक आत्मीय संस्मरण

शमशेर सिंह बिष्ट ठेठ पहाड़ी थे. उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व. जल, जंगल…

6 years ago