Amit Srivastava

समकालीनता अब छुटभैयों का अभ्यारण्य है

किस बात के नामवर? लेखन के, समालोचन के, अध्ययन के, अध्यापन के, सम्पादन के, वक्तृत्व के या इन सबसे इतर…

5 years ago

तुम से न हो पाएगा देश के प्यारो!

कल पुलवामा (Pulwama) में हुए कायराना हमले के परिदृश्य में हमारे साथी अमित श्रीवास्तव ने यह झकझोर देने वाली टिप्पणी…

5 years ago

तू फेक मैं लोक(तंत्र)

गणतन्त्र के मौके पर राष्ट्र का नागरिकों के राष्ट्र का नागरिकों के नाम पत्र मिला था .आज उसका प्रीक्वेल भी…

5 years ago

मैं हल्द्वानी हूँ – एक फिल्म

हल्द्वानी में पहले हल्दू के पेड़ बहुतायत में हुआ करते थे इसलिए उसे हल्द्वानी कहा जाने लगा. वर्तमान हल्द्वानी के…

5 years ago

छापाए दिल इतना न उछालो

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 18 अमित श्रीवास्तव छापे के दौरान एक सरकारी कर्मचारी के मेज…

5 years ago

आन्दोलन, सिफ़ारिश और ब्रीफकेस

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 17 अमित श्रीवास्तव माननीय एस पी महोदय नमस्कार पत्रवाहक मेरे गाँव…

5 years ago

गणतन्त्र के मौके पर राष्ट्र का नागरिकों के नाम पत्र

ओए नागरिक... अमाँ बाशिंदे... अबे देसवासी जियो... बसो... फलो तुम्हारी भेजी चिट्ठी मिली. चलो इस ज़माने में भी चिट्ठी पत्री…

5 years ago

कृष्णा सोबती: वर्जित प्रदेशों में निडर घुसपैठ करने वाली कथाकार

चराग़-ए-राह बुझा क्या कि रहनुमा भी गया हवा के साथ मुसाफ़िर का नक़्श-ए-पा भी गया - परवीन शाक़िर -'सर आई…

5 years ago

कविता: कवि-तान: कविता- न!: क-वितान

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 16 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल)…

5 years ago

तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 15 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: पप्पन पांडे का निबन्ध) गुडी गुडी…

5 years ago