संस्मरण

जन्मदिन पर गिर्दा की यादजन्मदिन पर गिर्दा की याद

जन्मदिन पर गिर्दा की याद

गिर्दा एक खूबसूरत आदमी थे. उम्दा कोनों, सतहों, गहराइयों-उठानों वाला तराशा हुआ गंभीर चेहरा और आलीशान जुल्फें. और बात करने…

6 years ago
दाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी हैदाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी है

दाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी है

मेरी कहानी ‘दाड़िम के फूल’ की भी एक मजेदार कहानी है. आनंद तब आए जब इससे पहले मेरे दोस्त बटरोही की कहानी ‘बुरांश…

6 years ago
उस दिन शिकार पर गया मैं पछेटिया बन करउस दिन शिकार पर गया मैं पछेटिया बन कर

उस दिन शिकार पर गया मैं पछेटिया बन कर

एक दिन मुझे पछेटिया बन कर सचमुच शिकार पर जाने का मौका मिल गया. पछेटिया मतलब शिकारी के पीछे-पीछे चलने…

6 years ago
अल्मोड़े वाली आमां और उनका फिल्मी स्यापाअल्मोड़े वाली आमां और उनका फिल्मी स्यापा

अल्मोड़े वाली आमां और उनका फिल्मी स्यापा

अल्मोड़े में होलिडे होम मुख्य सड़क मार्ग से थोड़ा उपर है. कैलाश मानसरोवर यात्रा के यात्रियों का पहला पड़ाव इसी…

6 years ago
भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और दिमाग सुन्न पड़ गयाभाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और दिमाग सुन्न पड़ गया

भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और दिमाग सुन्न पड़ गया

पहाड़ और मेरा जीवन – 39 (पिछली कड़ी: जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित…

6 years ago
हम सब की साझी विरासत है यह – गणेश मर्तोलिया की जोहार यात्राहम सब की साझी विरासत है यह – गणेश मर्तोलिया की जोहार यात्रा

हम सब की साझी विरासत है यह – गणेश मर्तोलिया की जोहार यात्रा

गणेश मर्तोलिया ने लोकसंगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. बेहद विनम्र स्वभाव के गणेश हर समय…

6 years ago
अल्मोड़े का हॉलिडे होम और उसके निम्मी और कोहलीअल्मोड़े का हॉलिडे होम और उसके निम्मी और कोहली

अल्मोड़े का हॉलिडे होम और उसके निम्मी और कोहली

अल्मोड़ा में सबसे पहला प्रवास श्री गोपाल सिंह बिष्ट एवं श्री प्रशांत बिष्ट के सौजन्य से कुमाऊं मंडल विकास निगम…

6 years ago
ओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी यादओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी याद

ओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी याद

बचपन से आज तक ईजा (मां) को कभी नहीं भूला. वह 1956 में विदा हो गई थी, जब मैं छठी…

6 years ago
कल फिर आएंगे अंकल जीकल फिर आएंगे अंकल जी

कल फिर आएंगे अंकल जी

अंकल और मैं बैठे धूप खा रहे हैं. अंकल, यानी मेरे पिता के बड़े भाई और परिवार के सबसे मूर्ख…

6 years ago
हल्द्वानी के कर्नल ठुस्सू और उनकी दी हुई सीखहल्द्वानी के कर्नल ठुस्सू और उनकी दी हुई सीख

हल्द्वानी के कर्नल ठुस्सू और उनकी दी हुई सीख

कर्नल ठुस्सू कर्नल ठुस्सू - इनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता. सिवाय इनके हास्यास्पद नाम, पदनाम, पैनी नज़र और…

6 years ago