विनोद पन्त

‘ओखल’ पहाड़ के परिवारों का आधार

ओखव या ओखली पहाड़ के परिवारों का आधार है. धान कूटने का यह स्थान बेहद पवित्र माना जाता है. इसको…

3 years ago

विरासत है ‘खन्तोली गांव’ की समृद्ध होली परम्परा

https://www.youtube.com/embed/C1okbwnThc8 मुझे पहला मंच मेंरे गांव खन्तोली की होली में मिला. गांव के लोगों के प्रोत्साहन और शाबासी ने ही…

3 years ago

पहाड़ों में ‘धिनाली’ और उससे जुड़ी लोक मान्यतायें

धिनाली कुमाऊनी का एक शब्द है जिसका सामान्य मतलब होता है- दूध, दही, घी, मठ्ठा, मक्खन आदि यानि दूध और…

3 years ago

‘ह्यून’ पहाड़ों में सर्दी का मौसम

ह्यून यानि कि सर्दी का मौसम. पहाड़ों के मुख्य तीन मौसम - रूड़, चौमास, ह्यून में सबसे अच्छा मौसम ह्यून…

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ताकुला की आमा का होटल और पहाड़ियों की बस यात्रा

शहरों से पहाड़ को लौटने पर हल्द्वानी से ही एक अलग उर्जा का संचार होने लगता है. लम्बे सफ़र की…

3 years ago

पहाड़ में कौतिक की बेमिसाल यादें

कौतिक का मतलब होता है मेला. मेले तो हर जगह लगते हैं और हर मेले का अपना सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और…

3 years ago

ठेठ पहाड़ी खेलों की याद

खेल के मैदान में आजकल भारत के कई खिलाड़ी कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. पढाई के साथ खेलकूद को भी…

3 years ago

ठेठ कुमाऊनी खानपान की रंगत

आजकल सोशल मीडिया और यूट्यूब वगैरह में जो कुमाऊनी थाली दिखाई जाती है उसमें दाल, भात, डुबके, आलू के गुटके…

3 years ago

पहाड़ी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं ‘पहाड़ के फौजी’

हमारे पहाड़ की एक चीज ऐसी है जिसे पहाड़ी सस्कृति का ही एक अभिन्न अंग कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं…

3 years ago

पहाड़ों में नवरात्र के दिनों की यादें

सरादों के बाद नवरात्र शुरु हो जाते हैं. इन दिनों असोज का काम यानि फसल समेटने का काम कुछ कम…

3 years ago