भुवन चन्द्र पन्त

ब्रह्मलीन होने से पहले सिद्धि मां को लिखी नीम करोली बाबा की एक पंक्तिब्रह्मलीन होने से पहले सिद्धि मां को लिखी नीम करोली बाबा की एक पंक्ति

ब्रह्मलीन होने से पहले सिद्धि मां को लिखी नीम करोली बाबा की एक पंक्ति

श्रद्धालुओं में निराशा है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते 15 जून को कैंचीधाम में आयोजित होने वाला मन्दिर की…

4 years ago
गाली में भी वात्सल्य छलकता है कुमाउनी लोकजीवन मेंगाली में भी वात्सल्य छलकता है कुमाउनी लोकजीवन में

गाली में भी वात्सल्य छलकता है कुमाउनी लोकजीवन में

किसी भी सभ्य समाज में गाली एक कुत्सित व निदंनीय व्यवहार का ही परिचायक है, जिसकी उपज क्रोधजन्य है और…

4 years ago
कुमाऊं के रणबांकुरों की विरासत है छोलिया नृत्यकुमाऊं के रणबांकुरों की विरासत है छोलिया नृत्य

कुमाऊं के रणबांकुरों की विरासत है छोलिया नृत्य

कुमाऊं की बेजोड़ सांस्कृतिक परम्पराओं व लोककलाओं का अपना समृद्ध इतिहास रहा है. इन लोकपरम्पराओं की जड़ें हमें अपने इतिहास…

4 years ago
गन्ज्याड़ू: पथरीले पत्थरों के बीच उगने वाले पहाड़ी पेड़ के वजूद की दास्तांगन्ज्याड़ू: पथरीले पत्थरों के बीच उगने वाले पहाड़ी पेड़ के वजूद की दास्तां

गन्ज्याड़ू: पथरीले पत्थरों के बीच उगने वाले पहाड़ी पेड़ के वजूद की दास्तां

वाह रे! तू भी क्या किस्मत लेकर आया इस दुनियां में. पथरीले पत्थरों के बीच से तेरा ये दीदार बहुत…

4 years ago
उतरैणी के बहाने बचपन की यादेंउतरैणी के बहाने बचपन की यादें

उतरैणी के बहाने बचपन की यादें

असौज का सारा कारोबार समेटकर जाड़ों में जब सारे काम निबट जाते तो हमारी बुब (बुआ) कुछ समय के लिए…

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मेल-मिलाप पसन्द प्रताप भैया का अनमेल व्यक्तित्व: जन्मदिन विशेष

प्रताप भैया यदि हमारे बीच होते तो 88 वर्ष आज के दिन पूरे करते. दस वर्ष पूर्व संसार से विदा…

4 years ago

सिद्धों व सन्तों की तपोभूमि भी रहा भवाली क्षेत्र

भवाली, कुमाऊं क्षेत्र का प्रवेश द्वार होने के कारण देश के दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले परिब्राजक बद्रीनाथ, केदारनाथ…

4 years ago

अनपाशणि से पहले पिछले जन्म की सारी बातें याद रहती हैं

’प्राणो वा अन्नः’ अन्न ही प्राण है, यह वेदोक्त बात है. अन्न को ब्रह्म का स्वरूप भी कहा गया है,…

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भाव अभिव्यक्ति की गजब क्षमता रखते हैं कुमाऊनी के एकाक्षरी शब्द

हिन्दी भाषा में जहां एक अक्षर के शब्दों का प्रयोग अधिकांशतः कारक के रूप में ने, से, को, का, के,…

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सदियों पहले श्यामखेत का पूरा भूभाग एक झील था

भवाली, कुमाऊॅ की यात्रा के लिए एक मुख्य जंक्शन होने के साथ ही रामगढ़, मुक्तेश्वर, तितोली, हरतफा, निगलाट जैसी फल…

4 years ago