बटरोही

नैनीताल के अजाने इतिहास से निकली एक और अनोखी कहानीनैनीताल के अजाने इतिहास से निकली एक और अनोखी कहानी

नैनीताल के अजाने इतिहास से निकली एक और अनोखी कहानी

नैनीताल के फांसी गधेरे से जुड़ी अनेक किंवदंतियों-कहावतों-किस्सों के पसमंजर में गूंथकर रचा गया है इस अद्भुत कथा को. इतिहास,…

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मोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दास्तानमोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दास्तान

मोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दास्तान

यह विचित्र किस्म का नाम एक ही व्यक्ति का है, जिसमें एक साथ तीन रिश्तों के संबोधन पिरोए गए हैं.…

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नैनीताल जैसे पहाड़ी शहरों की चर्चा बिना बंपुलिस के संभव ही नहीं हैनैनीताल जैसे पहाड़ी शहरों की चर्चा बिना बंपुलिस के संभव ही नहीं है

नैनीताल जैसे पहाड़ी शहरों की चर्चा बिना बंपुलिस के संभव ही नहीं है

अंग्रेज़ों के द्वारा बसाए गए नैनीताल जैसे पहाड़ी शहरों की चर्चा बिना बंपुलिस के संभव ही नहीं है. बचपन में…

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सदियों से कुछ कहना चाहती है लछिमा – बटरोही की कहानीसदियों से कुछ कहना चाहती है लछिमा – बटरोही की कहानी

सदियों से कुछ कहना चाहती है लछिमा – बटरोही की कहानी

वो शिखर पर जो गाँव है, वही काफलीधार है. किसने रखा होगा यह नाम? सोचती है लछिमा - कैसा है…

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मीना कुमारी और मधुबाला के ग्लैमर में खो गई पुष्पा दीदीमीना कुमारी और मधुबाला के ग्लैमर में खो गई पुष्पा दीदी

मीना कुमारी और मधुबाला के ग्लैमर में खो गई पुष्पा दीदी

एक थी पुष्पा दीदी यह विशेषता बुआ जी के परिवार की ही नहीं, उस दौर में लगभग सार मध्यवर्गीय परिवारों…

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फिरंगियों को नैनीताल का पानी नहीं छूने दिया पहाड़ी कुलियों नेफिरंगियों को नैनीताल का पानी नहीं छूने दिया पहाड़ी कुलियों ने

फिरंगियों को नैनीताल का पानी नहीं छूने दिया पहाड़ी कुलियों ने

पीटर बैरन ने बायीं ओर की सलेटी शिला पर कुछ पलों के लिए अपनी पीठ टिकायी और जैकेट की ऊपरी…

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शेरवुड स्कूल का अमिताभ बच्चन और नैनीताल के छोकरेशेरवुड स्कूल का अमिताभ बच्चन और नैनीताल के छोकरे

शेरवुड स्कूल का अमिताभ बच्चन और नैनीताल के छोकरे

1958-60 के वर्षों में जब अमिताभ बच्चन नैनीताल के मशहूर शेरवुड कालेज में पढ़ रहे थे उन दिनों मैं नगर…

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नैनीताल के चिलम सौज्यू की दास्ताननैनीताल के चिलम सौज्यू की दास्तान

नैनीताल के चिलम सौज्यू की दास्तान

बड़ा बाज़ार के पास वाले मोड़ पर ही, जहाँ किसी जमाने में घोड़ा स्टेंड था, उसी तिराहे पर, स्टेट बैंक…

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गगास के तट पर : उत्तराखंड की समाजार्थिकी पर केन्द्रित हिंदी का पहला उपन्यासगगास के तट पर : उत्तराखंड की समाजार्थिकी पर केन्द्रित हिंदी का पहला उपन्यास

गगास के तट पर : उत्तराखंड की समाजार्थिकी पर केन्द्रित हिंदी का पहला उपन्यास

गगास के तट पर : जगदीश चन्द्र पांडे (1968) (इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : सोलहवीं क़िस्त)…

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थियेटर इन नैनीताल – उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की एक ज़रूरी किताबथियेटर इन नैनीताल – उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की एक ज़रूरी किताब

थियेटर इन नैनीताल – उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की एक ज़रूरी किताब

नैनीताल में थियेटर का इतिहास करीब एक शताब्दी पुराना है और नैनीताल नगर ने लम्बे समय से रंगमंच के क्षेत्र…

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