सब ओर प्रकृति में हरियाली सज जाती है. नई कोंपलों में फूल खिलने लगते हैं. चैत मास लग चुका है.…
राई को लाल खुस्याणी, पहाड़ी हल्द-धनिये के बीजों के साथ सिलबट्टे में खूब पीस लेते हैं. फिर कोर कर निचोड़ी…
अहम् ब्रह्मस्वरूपिणी. मैं ब्रह्मस्वरूप हूँ. मुझसे प्रकृति-पुरुषात्मक जगत उत्पन्न हुआ है शून्यं चाशून्यं च. मैं आनंद और अनानन्द रूपा हूँ अहं विज्ञानाविज्ञाने.…
मिरतोला आश्रम (पनुआनौला) में ऑस्ट्रेलिया से आ बसे अर्थशास्त्र के मनीषि, योजना आयोग के सदस्य, कृष्ण भक्त स्वामी माधवाशीष ने…