पहाड़

मेरे बाबू ईजा की अजब गजब शादी

ईजा की शादी 11 साल की उम्र में हो गयी थी. दो साल पहले ही ताऊ डिगर सिंह की शादी…

5 years ago

1940 के दशक में पिथौरागढ़ की भवन निर्माण शैली

1940 के दशक में पिथौरागढ़ कस्बे और इसके आस-पास सड़क नहीं थी. इस इलाके के दूरदराज तक के गाँव संकरी…

5 years ago

जब सिल्ला वाले रात का खाना खाते हैं तब चिल्ला वाले सो चुके होते हैं

सिल्ला और चिल्ला गाँव - लीलाधर जगूड़ी हम सिल्ला और चिल्ला गाँव के रहनेवाले हैंकुछ काम हम करते हैं कुछ…

5 years ago

काफल एक नोस्टाल्जिया का नाम है

गर्मियों में पहाड़ों के वन प्रांतर जंगली फलों और बेरियों से लद जाते हैं. हिसालू, किलमौड़ा और घिंघारू की झाड़ियाँ…

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तब बहुत निष्कपट हुआ करता था पहाड़ी जीवन

मेरा बचपन-3 (आखिरी क़िस्त) (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश पिछली कड़ी का लिंक : एक एसडीएम को देखकर…

6 years ago

एक एसडीएम को देखकर खूब पढ़ने की इच्छा हुई

मेरा बचपन-2 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत पिछली कड़ी का लिंक: बचपन में फलदार पेड़ों…

6 years ago

बचपन में फलदार पेड़ों का आनंद:

मेरा बचपन-1 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत सुबह उठते ही कोलाहल, चिन्ता, अव्यवस्था, 70 वर्श…

6 years ago

गुमानी पन्त की प्राप्त रचनाएं

कुमाऊनी साहित्य की शुरुआत लोकरत्न गुमानी से मानी जाती है. कवि गुमानी का जन्म 1790 ई. माना गया है. इस…

6 years ago

फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार

बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है. उत्तराखण्ड के पहाड़ की तलहटी पर कुछ बसावटें कस्बे के सांचे में ढल रही…

6 years ago

मालूशाही गायन का खलीफा मोहन सिंह रीठागाड़ी

सेराघाट मंडी के उस पार ग्राम धपना (पिथौरागढ़) सन 1905-06 के आस पास मोहन सिंह का जन्म हुआ था. पिता…

6 years ago