देवेन मेवाड़ी

फिर चांद के लिए इतनी चाहत क्यों?फिर चांद के लिए इतनी चाहत क्यों?

फिर चांद के लिए इतनी चाहत क्यों?

50 वर्ष पहले 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर मानव के वे पहले कदम पड़े थे. 8 बज…

6 years ago
उसके चारों ओर एक शून्य विस्तार पाता जा रहा हैउसके चारों ओर एक शून्य विस्तार पाता जा रहा है

उसके चारों ओर एक शून्य विस्तार पाता जा रहा है

कहानी की कहानी-5 आज जब करीब पचपन वर्ष बाद ‘कहानी’ कथा-पत्रिका में देवेन नाम से छपी अपनी इस कहानी ‘अलगाव’…

6 years ago
क्या विशाल ब्रह्मांड में हम अकेले हैंक्या विशाल ब्रह्मांड में हम अकेले हैं

क्या विशाल ब्रह्मांड में हम अकेले हैं

न जाने नक्षत्रों में है कौन! हां, कौन जाने अंतरिक्ष में जगमगाते असंख्य नक्षत्रों के किस अनजाने लोक में न…

6 years ago
खड़कदा – देवेंद्र मेवाड़ी की कहानीखड़कदा – देवेंद्र मेवाड़ी की कहानी

खड़कदा – देवेंद्र मेवाड़ी की कहानी

कहानी की कहानी - 4 बखतऽ तेरि बलै ल्यूंल. तेरी बलिहारी जाऊं बखत (वक्त). कितना कुछ चला जाता है बखत…

6 years ago
बलि का बकरा – देवेन मेवाड़ी की कहानीबलि का बकरा – देवेन मेवाड़ी की कहानी

बलि का बकरा – देवेन मेवाड़ी की कहानी

कहानी की कहानी उर्फ़ बकरा बलि का ईजा (मां) बीमार थी. उसका बहुत मन था कि देबी खूब पढ़े हालांकि…

6 years ago
दाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी हैदाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी है

दाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी है

मेरी कहानी ‘दाड़िम के फूल’ की भी एक मजेदार कहानी है. आनंद तब आए जब इससे पहले मेरे दोस्त बटरोही की कहानी ‘बुरांश…

6 years ago
उस दिन शिकार पर गया मैं पछेटिया बन करउस दिन शिकार पर गया मैं पछेटिया बन कर

उस दिन शिकार पर गया मैं पछेटिया बन कर

एक दिन मुझे पछेटिया बन कर सचमुच शिकार पर जाने का मौका मिल गया. पछेटिया मतलब शिकारी के पीछे-पीछे चलने…

6 years ago
फिर कि भौ उर्फ उत्तरकथाफिर कि भौ उर्फ उत्तरकथा

फिर कि भौ उर्फ उत्तरकथा

“पूरी कथा सुना दी हो देबी तुमने तो.” “पूरी कथा? अभी कहां पूरी हुई?” “क्यों रिटायरमेंट तो हो गया?” “रिटायमेंट…

6 years ago
ओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी यादओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी याद

ओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी याद

बचपन से आज तक ईजा (मां) को कभी नहीं भूला. वह 1956 में विदा हो गई थी, जब मैं छठी…

6 years ago
मुक्त आकाश का पंछीमुक्त आकाश का पंछी

मुक्त आकाश का पंछी

कहो देबी, कथा कहो – 46 पिछली कड़ी – कुमारस्वामी और काम के वे दिन वह दिन था 2 जून…

6 years ago