प्रो. मृगेश पाण्डे

पहाड़ में दिवाली, धान और उसके पकवान

दिवाली में जिस धान्य का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है वह है धान. धान को शुभ माना जाता है. देवता…

3 years ago

पहाड़ में पेड़-पौंध और खेती-पाती का लोक नामकरण

पहाड़ में पेड़ पौंधों के प्रति आदर का भाव रहा है इसीलिए उन्हें वनदेवता-वनदेवी के रूप में धार्मिक आधार मिला.…

3 years ago

तिब्बत व्यापार की अनोखी प्रणालियां और बंदोबस्त

तिब्बत में भोटान्तिकों का व्यापार वहां की अनेकानेक मंडियों में होता था. इनमें मुख्य तकलाकोट, ज्ञानिमा, गरतोक, चकरा, शिवचिलम, ख्युंग…

4 years ago

भोटान्तिक व्यापार के रास्ते, तरीके और माल असबाब

मल्ला दारमा के भोटान्तिकों का व्यापार पथ जो अजपथ और अश्व पथ से विकसित हुआ वह दारमा दर्रे (18510फ़ीट) से…

4 years ago

भोटान्तिक अर्थव्यवस्था और हूण देश से व्यापार

इतिहास के पुराने पन्नों में गंगा के मैदानों से हिमालय की गगनचुम्बी उपत्यकाओं की ओर अपने पशुओं के साथ बढ़ती…

4 years ago

सुरेंद्र सिंह वल्दिया : सोर घाटी से अर्जुन अवार्ड तक एक ठेठ पहाड़ी की यात्रा

सोर घाटी में जूनून की हद तक खेलों की दीवानगी रही है. छोटे बड़े मैदानों में सुबह शाम जमा होते…

4 years ago

सालाना करोड़ों मुनाफ़ा कमाने वाली चंडाक मैग्नेसाइट फैक्ट्री के बंद होने की कहानी

प्रख्यात भूगर्भशास्त्री डॉ. खड्ग सिंह वल्दिया ने अपने अध्ययन में यह आंकलन किया था कि पिथौरागढ़ जनपद में मैग्नेसाइट के…

4 years ago

पहाड़ों में सातों-आठों की बहार आ गयी है

भादों की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कुमाऊं और नेपाल में हर्षोल्लास और श्रृद्धा भक्ति से भरा प्रकृति को समर्पित,…

4 years ago

पहाड़ में नीली क्रांति को समर्पित कुमकुम साह

पंडा फार्म पिथौरागढ़ में कभी कभार ताजी साग सब्जी खरीदने, अंडा मुर्गी लेने जाना होता. जर्सी नसल की गायों का…

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लोक में रचे बसे रंग और पहाड़ की कलाकारी

पहाड़ में अपनी भावनाओं को रेखाओं, आकृतियों का रूप दे उनमें रंग भर जीवंत कर देना हर घर-आँगन, देली-गोठ और…

4 years ago