प्रो. मृगेश पाण्डे

आंचलिक साहित्यिक कृति ‘हम तीन थोकदार’

वर्ष 2020 में उम्र के पचहत्तरवें पायदान में कदम रखते तीन थोकदारों का यह किस्सा शुरू हुआ जिसके पीछे गाँव…

2 years ago

बेजान लकड़ियों में प्राण फूंकते जीवन चंद्र जोशी ‘चाचू’

वो सबके बीच चाचू नाम से जाने जाते हैं. उनके सामने पड़े रहते हैं लकड़ी के बेडौल टुकड़े जिन्हें वह…

2 years ago

वन्य जीव विहार का खुलना और धन सिंह राणा की वसीयत

धन सिंह राणा याद आ गए. चमोली जिले के लाता गांव वाले सीधे साधे से आम पहाड़ी. 1974 में बिरला…

2 years ago

अंग्रेजी राज में पहाड़ का पानी

किसी इलाके में रहने वाले लोग अपने कामकाज को वहां के पर्यावरण व परिवेश के हिसाब से न केवल निर्धारित…

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अंग्रेजों के ज़माने की चाय की फसक पराव

हाथ में गरम चहा का गिलास पकड़े और फिर गुनगुनाते पहाड़ी धुन का ये गीत आपने कभी न कभी सुना…

2 years ago

‘कुमाँऊनी शब्द सम्पदा’ पुस्तक लोकभाषा को अभिसिंचित करने में सफल है

भाषाविदों के अनुसार कुमाँऊनी एक इंडो आर्यन भाषा है जो कुमाऊँ में प्रचलित है और अलग-अलग जनपदों में थोड़े बहुत…

3 years ago

पहाड़ में आयुर्वेद और अल्मोड़ा के परम्परागत वैद्य

पहाड़ की परम्परागत चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद प्रचलित रहा. लोक विश्वास के साथ ही जनमानस में ऐसी अनेक परम्पराएं पोषित…

3 years ago

‘राम सिंह ठकुरी’ राष्ट्रभक्ति के संगीत से सरोबार पल्टन का फौजी

2/1 गोरखा राइफल्स के हवलदार दिलीप सिंह के घर 15 अगस्त 1914 को हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले के मुख्यालय…

3 years ago

पहाड़ में परंपरागत भूमि प्रबंध और कर प्रणाली का सम्पूर्ण इतिहास

उत्तराखंड में भूमि प्रबंधन व राज्य को चलाने के लिए आगम के प्रमाण कत्यूरी राजाओं के समय से मिलते हैं.…

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सेम मुखेम में नागराजा की माया

पहाड़ों में उसके सीमांत से जान -पहचान बढ़ाने के लिए की जाने वाली पद यात्राएं बहुत कुछ दे जातीं हैं.…

3 years ago