समाज

शौर्य गाथा: उत्तराखण्ड की मिट्टी से बना नए साल का कैलेंडर

उत्तराखंड के अतीत, वर्तमान से जुड़ी गौरव गाथाएं उत्तराखण्ड की नई पीढ़ी तक पहुंचाना बहुत जरुरी है. उन्हें उनके पूर्वजों द्वारा मातृभूमि की खातिर दी गयी बेमिसाल कुर्बानियों से परिचित कराना अत्यंत जरुरी है. नयी पीढ़ी को अपने पुरखों के प्रति कृतज्ञता और अभिमान से भरने के लिये उनकी गाथा सुनाना बेहद जरुरी है.
(Shaury Gatha Calendar Pragya Arts)

उत्तराखंड के युवाओं के भीतर अपने इतिहास और अतीत के प्रति दिन पर दिन बढ़ती इस ठंडक को दूर किया जाना बेहद जरुरी है. उन्हें बताया जाना चाहिये कैसे उनके पूर्वजों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा बिना अपने प्राणों की चिंता के की है.

उत्तराखंड का पूरा लोकजीवन इतिहास की इन्हीं छोटी-बड़ी कहानियों से बुना गया है. हम अपने युवाओं के भीतर इस लोक के प्रति संवेदना जगाना चाहते हैं तो हमें उन तक इस शौर्य और पराक्रम की गाथाएँ भी पहुंचानी होंगी.
(Shaury Gatha Calendar Pragya Arts)

अपने लोक की खुशबू और पुरखों के गौरव को लेकर प्रज्ञा आर्ट्स एक कैलेंडर बनाकर इसकी शुरुआत कर रहा है. शौर्यगाथा, उत्तराखंड की मिट्टी की नाम से प्रज्ञा आर्ट्स द्वारा प्रकाशित इस कैलेंडर में उत्तराखंड के ऐतिहासिक योद्धाओं की की संक्षिप्त कहानी के साथ उत्तराखण्ड के प्रमुख त्यौहारों और मेलों के बारे में भी जानकारी दी गई है.

अपनी मिट्टी की खुशबू और पुरखों के गौरव से भरे इस कैलेंडर को प्रज्ञा आर्ट्स और ग्रुप की निदेशक लक्ष्मी रावत के फेसबुक पेज या मोबाइल नंबर +91-8826123032 पर संपर्क कर प्राप्त किया जा सकता है. कैलेंडर के लिए पात्रों के फोटो प्रणेश असवाल ने लिये हैं. सोनाली मिश्रा और रीना रतूड़ी के साथ प्रज्ञा रावत ने पात्रों के श्रृंगार और वेशभूषा का जिम्मा पूरा किया. राजू मौर्य के साथ कैलेंडर को डिज़ाइन राजू मौर्य ने किया है.
(Shaury Gatha Calendar Pragya Arts)

काफल ट्री डेस्क

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