समाज

बग्वाल 2018 से एक रपट

उत्तराखंड के प्राचीनतम मेलों में से एक बग्वाल का आज चम्पावत के देवीधुरा में जोशीले अंदाज़ में प्रदर्शन हुआ. तकरीबन १० मिनट चली बग्वाल को दूर दूर से लोग देखने आते हैं और यकीन मानिए बग्वाल को देखना व जीना वाकई में रौंगटे खड़े कर देने वाला है, बावजूद इसके की अब बग्वाल पहले की तरह पूरी तरह से पत्थरों से नहीं खेली जाती है.

जी हां अभी हाल तक बग्वाल पूरी तरह पत्थरों से खेली जाते थी और मान्यता अनुसार जब तक एक मानव शरीर के बराबर खून ना बहे, तब तक चलती थी किन्तु अब माननीय हाईकोर्ट के आदेशानुार पिछले कुछ सालों से अब फलों से खेली जाती है.

अभी भी बग्वाल में परंपरा अनुसार पत्थर तो चलते ही है और पत्थर भी ऐसे कि आदमी को अच्छी खासी चोट पहुंचे. तो पत्थर तो आज भी चले और शायद आगे भी चलें. दाद देनी पड़ेगी बग्वाल के शूरवीरों की जो आज के डिजिटल युग में और जहां आदमी अपना बाल भी बांका ना होने दे सीना ठोक के सामने वाले से बोलता है में तैयार हूं पत्थर व फलों के चोट सहने को.

आपको अगर उत्तराखंडी खून की गर्माहट जाचनी हो तो कश्मीर के बाद शायद देवीधुरा ही सबसे प्रासंगिक जगह होगी. लमगड़िया खाम, वालिक खाम, चम्याल खाम,और गाहड़वाल खाम के शूरवीरों का पराक्रम देखते ही बनता है.

मैं बग्वाल में पिछले १५ सालों से ज्यादा समय से आ रहा हूं किंतु इस पराक्रम के मेले को जो स्वरूप मिलना चाहिए था वो शायद आज भी उपलब्ध नहीं हो पाया और न ही देश विदेश के पर्यटकों को हम यहां तक ला पाए हैं, शायद आगे आने वालों सालों में बग्वाल और विकसित हो!

जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago