कल पिथौरागढ़ को जिला बने 59 साल पूरे हुये हैं. हमने जानना चाहा कि सरकार पिथौरागढ़ के इतिहास के बारे में क्या लिखती है. इसके लिये हम पिथौरागढ़ जिले की ऑफिसियल वेबसाइट पर गये. यहां स्थिति चौंकाने वाली ही नहीं बल्कि भयावह है.
वेबसाइट में जिले के बारे में लिखा गया है :
पिल्लेरामा मातृ प्रकृति, जिले पिथौरागढ़ को बहुत ही अमीर जलजलाहट सुविधाओं के वितरण में बहुत उदार रही है, पारंपरिक रूप से दैवीय देवताओं, झरने के झरने, शानदार ग्लेशियरों, प्राकृतिक वनस्पतियां, प्राकृतिक वनस्पतियां, शांत झीलों और शोर झुलसा देने वाला नदियों के सभी प्रकार के बीहड़ आकर्षण का एक हिस्सा है कि जिला इस तरह के एक महान डिग्री के पास है.
पिल्लेरामा और महान डिग्री का अर्थ पता नहीं क्या होता होगा लेकिन एक बात तय है कि पिथौरागढ़ में रहने वाले बड़े-बड़े सूरमाओं को इसकी जानकारी नहीं होगी.
हिन्दी और अंग्रेजी में बनी इस वेबसाईट में पिथौरागढ़ के इतिहास वाले पन्ने पर पहली ही पंक्ति है –
पिथौरागढ़ जिले की अपनी संपूर्ण उत्तरी और पूर्वी सीमाएं अंतरराष्ट्रीय हैं, यह एक महान रणनीतिकारिता मानता है और जाहिर है, भारत के उत्तर सीमा पर एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिला है.
इस पंक्ति का क्या अर्थ है भगवान जाने.
यह पैराग्राफ कुछ इस तरह ख़त्म किया गया है –
पिथौरागढ़ – हिमालय, घास वाले घास का विस्तृत खर्च, बारहमासी नदियों को झीग-ज़ैग के पाठ्यक्रमों में घूमते हुए, सभी प्रकार के वनस्पतियों और जीवों की एक अद्भुत किस्म, शुद्ध प्रकृति, जो अभी तक अनलिखित हैं, ने उनकी सफ़ाई को अपने गुंबदों में देखा है
दूसरे पैराग्राफ में तो पिथौरागढ़ को ही पिठौरागढ़ लिखा गया है.
मूढ़ता की सभी हदें पार करते हुये पिथौरागढ़ के इतिहास में बताया गया है कि यहां कई समलैंगिक स्पॉट हैं जिसे पर्यटन के लिये विकसित किया जा सकता है.
यह सरकारी आलस्य का एक नमूना भर है. लाखों रुपये खर्च कर इस वेबसाइट को बनाया गया होगा. सरकारी वेबसाइटें अमूमन कुरुचिपूर्ण और अस्पष्ट होती हैं लेकिन पिथौरागढ़ के मामले में सभी पिछले कीर्तिमान ध्वस्त होते नजर आते हैं.
यह वेबसाइट उत्तराखंड सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट से जुड़ी हुई है और साथ ही इस पर केंद्र सरकार के डिजिटल इण्डिया की बड़ी मोहर भी लगी है.
इस वेबसाइट के सबसे नीचे लिखा गया है : इस वेबसाइट का निर्माण राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र,इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया है.
यह भी बताया गया है की यह कंटेंट जिला प्रशासन के अधीन होता है.
सूचना क्रान्ति के इस समय में पिथौरागढ़ की आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर लिखी गयी और प्रचारित की जा रही इस हास्यास्पद हिन्दी भाषा को पढ़ना और देखना दुःखद है.
– गिरीश लोहनी
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