पंचचूली पर्वत पांच पर्वत चोटियों का समूह है. जिनके नाम पंचचूली 1 से पंचचूली 5 तक हैं. ये चोटियाँ उत्तराखंड के उत्तरी कुमाऊं हिस्से में है जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 6,312 मीटर से 6,904 मीटर तक है.
पंचचूली की चोटियों के शानदार दृश्य कुमाऊँ के अनेक स्थानों से देखे जा सकते हैं लेकिन दारमा घाटी के दांतू-दुग्तू गाँवों और मुनस्यारी से दिखाई देने वाली पंचचूली की चोटियों का नज़ारा अनुपम होता है. मुनस्यारी से इन की हवाई दूरी फकत आठ किलोमीटर है जबकि दांतू और दुग्तू गांव के इनके तकरीबन पैरों पर ही अवस्थित हैं.
महाभारत से जुड़ी असंख्य कथाएँ उत्तराखंड के इन सुदूर इलाकों के जनमानस में लम्बे दमे से गहरे पैठी हुई हैं और यहाँ की लोकथात में उसके अनेक निशान पाए जाते हैं. स्थानीय मान्यता है कि महाभारत का युद्ध समाप्त हो जाने के बाद विषाद और दुःख से भरे पांडवों ने स्वर्गारोहण से पहले अपना भोजन इन्हीं चोटियों पर बनाया था. अर्थात ये चोटियाँ पांच पांडवों के पांच चूल्हे हैं जिनके नाम पर इन्हें पंचचूली नाम दिया गया.
पिछले कुछ समय से दारमा घाटी में सड़क पहुँच जाने से अब इन चोटियों का नजदीक से साक्षात्कार कर सकना आम जन के लिएआसानी से संभव हो गया है. हमारे घुमंतू साथी नरेंद्र परिहार ने हाल ही में दारमा घाटी की यात्रा की थी. दारमा घाटी के गांवों से सम्बंधित उनकी एक पोस्ट अभी कुछ ही दिन पहले हमने लगाई थी. आज देखिये उनके खींचे पंचचूली पर्वतमाला के कुछ शानदार फोटोग्राफ.
दारमा घाटी के तेरह गांव – नरेंद्र परिहार के फोटो
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मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले नरेन्द्र सिंह परिहार वर्तमान में जी. बी. पन्त नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन एनवायरमेंट एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट में रिसर्चर हैं.
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