पिथौरागढ़ जिले के प्रफुल्ल चन्द्र पन्त को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. पंत आयोग के सदस्य के रूप में 22 अप्रैल 2019 को नियुक्त हुए थे. वह उत्तराखंड के पहले विधि एवं न्याय सचिव रह चुके हैं. 2014 से 2017 अगस्त तक प्रफुल्ल चन्द्र पन्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं.
(P C Pant become Chairman of NHRC)
पन्त का जन्म 30 अगस्त 1952 को पिथौरागढ़ में हुआ. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की, फिर लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की. 1973 में पन्त ने बार काउंसिल इलाहाबाद में और इलाहाबाद में उच्च न्यायालय में प्रेक्टिस शुरू की. उत्तर प्रदेश सिविल (न्यायिक) सेवा परीक्षा, 1973 के माध्यम से उन्होंने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में प्रवेश किया.
प्रफुल्ल चन्द्र पंत ने 29 जून 2004 को नैनीताल हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश पद की शपथ ली. 2008 में पन्त उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. 2013 में वह मेघालय के उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुए. प्रफुल्ल चन्द्र पन्त उत्तराखंड के पहले लोकायुक्त भी रहे. पन्त उत्तराखंड के पहले विधि एवं न्याय सचिव भी रह चुके हैं.
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उत्तराखंड मूल के वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो इतने महत्वपूर्ण न्यायिक पदों पर रहे. 2019 में उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का सदस्य चुना गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रफुल्ल चन्द्र पन्त को उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया.
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