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विनय कुमार के कैमरे से उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य

विनय कुमार देहरादून में रहते हैं. विनय उत्तराखण्ड सरकार की प्रशासनिक सेवा के पहले बैच के अधिकारियों में से हैं. 2005 से ही कृषि विभाग के अधिकारी के रूप में सेवाएँ दे रहे विनय कुमार की शुरूआती पढ़ाई-लिखाई रुद्रपुर में हुई. जवाहर नवोदय विद्यालय से स्कूली पढ़ाई करने के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय से स्नातक किया और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में सेवारत रहे.

प्रशासनिक सेवा के दौरान उतराखंड के कई दुर्गम गांवों, धूमाकोट, नैनीडांडा, रिखणीखाल में कार्यरत रहे. धूमाकोट में 2009 में अपनी तैनाती के दौरान शौकिया फोटोग्राफी करने को प्रेरित हुए. बहुत कम समय में ही एक बेहतरीन फोटोग्राफर आप उनकी तस्वीरों में देख सकते हैं. विनय के फोकस से उत्तराखंडी जनजीवन का कोई भी पहलू अछूता नहीं रहा है. उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य, लोकसंस्कृति, लोकजीवन सभी उनकी फोटोग्राफी के विषय हैं. लैंडस्केप हो या पोट्रेट, उनकी अधिकांश तस्वीरें किसी कैनवास पर रची गयी पेंटिंग सा आभास देती हैं. इन तस्वीरों को देखते हुए आप उनकी पारखी नजर के कायल हुए बिना नहीं रह पाते.

काफल ट्री के पाठकों के लिए प्रस्तुत है विनय द्वारा फोकस किये गए फोटोग्राफ्स की पहली कड़ी में कुछ बेहतरीन लैंडस्केप.

उन्हें भी देखिये:एक कुमाऊनी गाँव में आज की फूलदेई – फोटो निबंध

त्तराखण्ड सरकार की प्रशासनिक सेवा में कार्यरत विनय कुमार की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा रुद्रपुर में हुई. हाल-फिलहाल कृषि विभाग को अपनी सेवाएँ दे रहे हैं. विनय ने उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती के दौरान फोटोग्राफी की शुरुआत की. फोटोग्राफी को अपना शौक मानने वाले विनय की पैनी निगाह किसी भी तस्वीर को जीवंत बनाने का माद्दा रखती है.

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Sudhir Kumar

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