समाज

सोर घाटी के नौ कोट

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree

उत्तराखंड की यात्रा के दौरान अनेक स्थानों के नाम ऐसे हैं जिनके आखिर में ‘कोट’ शब्द लगा होता है. नाम के आखिर में ‘कोट’ शब्द वाले स्थान गढ़वाल और कुमाऊं दोनों में ही हैं. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि आखिर इस कोट शब्द का अर्थ क्या है.
(Kot in Pithoragarh)

‘कोट’ का सामान्य शाब्दिक अर्थ किले से है. कोट माने ऐसा स्थान जहां उस क्षेत्र का राजा और उसका परिवार रहता है. आज भी उत्तराखंड में ऐसे स्थान हैं मसलन पिथौरागढ़ जिले में स्थित कोट.

पिथौरागढ़ जिले की सोर घाटी में स्थित कोट के विषय में बद्रीदत्त पांडे लिखते हैं कि सोर में पहले 9 राजा हुआ करते थे इसलिए सोर को “ना ठुकुर सोर” भी कहते हैं. बद्रीदत्त पांडे सोर में 9 किले या कोट होने ही बात कहते हैं. इन 9 कोट का वर्णन वह कुछ इस तरह करते हैं –         
(Kot in Pithoragarh)

(1) उचाकोट –  पंगूट व हुड़ेती गाँव के बीच.
(2) भाटकोट – पिठौरागढ़ से पूर्व चैसर व कुमौड़ गाँव के उत्तर आधे कोस पर.
(3) बैलर कोट – मौज़े थरकोट के निकट.
(4) उदयपुरकोट – बाजार से पश्चिम को मौज़े पयदेव व मजेड़ा के ऊपर.
(5) डुंगराकोट – मौजा धारी व पाभैं के पास.
(6) सहजकोट – बाज़ार के उत्तर मौजा पंडा व उर्ग पहाड़ के ऊपर.
(7) बमुवाकोट – बाज़ार के दक्षिण तरफ़ पहाड़ की चोटी पर.
(8) देवादारकोट – वलदिया पट्टी में मौज़े सिमलकोट के निकट.
(9) दुनीकोट – मौज़े दुनी व कासनी के नज़दीक छावनी से पूर्व तरफ़.

बद्रीदत्त पांडे लिखते हैं कि अब इन राजाओं का कुछ भी पता ज्ञात नहीं है और इनके किले वीरान पड़े हैं, खण्डहर मात्र हैं.
(Kot in Pithoragarh)

काफल ट्री फाउंडेशन

इसे भी पढ़ें – कोट: उत्तराखंड में राजा महाराजाओं के प्राचीन किले

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • कृपया मनकोटी राजाओं के ऊपर प्रकाश डालने की कृपा करें।

Recent Posts

डी एस बी के अतीत में ‘मैं’

तेरा इश्क मैं  कैसे छोड़ दूँ? मेरे उम्र भर की तलाश है... ठाकुर देव सिंह…

22 hours ago

शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया

प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्म स्थली कौसानी,आजादी आंदोलन का गवाह रहा कौसानी,…

4 days ago

अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक

मशहूर पर्यावरणविद और इतिहासकार प्रोफ़ेसर शेखर पाठक की यह टिप्पणी डाउन टू अर्थ पत्रिका के…

5 days ago

शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?

इन दिनों उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड कौसानी की शांत वादियां शराब की सरकारी दुकान खोलने…

5 days ago

वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा

कहानी शुरू होती है बहुत पुराने जमाने से, जब रुद्र राउत मल्ली खिमसारी का थोकदार…

5 days ago

देश के लिये पदक लाने वाली रेखा मेहता की प्रेरणादायी कहानी

उधम सिंह नगर के तिलपुरी गांव की 32 साल की पैरा-एथलीट रेखा मेहता का सपना…

6 days ago