पर्यावरण

पहाड़ियों के प्यारे काफल के सेहतमंद फायदे

काफल का तो नाम सुनते ही हर पहाड़ी यादों के गहरे समुद्र में खो जाता है. हर पहाड़ी के पास काफल को लेकर कोई न कोई किस्सा जरुर होता है. ठेठ पहाड़ियों के काफल खाने के तरीके सुनकर तो मुंह में पानी भर जाता है. पहाड़ियों के नोस्टाल्जिया का हिस्सा बन चुके काफल में ऐसे गुण भी हैं जिसके बारे में बहुत काम लोग जानते हैं. यहां पढ़िये एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरे पहाड़ियों के प्रिय फल काफल के सेहतमंद फायदे:
(Benefits of Kafal Fruit)

औषधीय गुणों से भरा काफल का यह फल पाचक और रस से भरा होता है जो शरीर को गर्मी से राहत देता है. मन में उमस और सुस्ती का ख्याल आये तो छायादार काफल के पेड़ के हवाले ख़ुद को कर दो. कुदरत की नायब रहमत से भरा काफल उमस, तेज धूप और सुस्ती से तो शरीर को राहत देता है ही लेकिन साथ में इसके कई औषधीय फायदे भी हैं.   

मिरिका ऐस्कुलेटा, काफल का वानस्पतिक नाम है. पौष्टिकता से भरे काफल में कैल्शियम, कार्बोहाईड्रेट, मैग्नीशियम, प्रोटीन, फाइबर, वसा, पोटेशियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है. पारंपरिक हिमालयी आयुर्वेदिक चिकित्सा में काफल का खूब इस्तेमाल किया जाता है.

आयुर्वेद में काफल को पेट की बीमारियों का रामबाण इलाज माना गया है. ऐसा दावा किया जाता है कि अल्सर की बीमारी में काफल का उपयोग ख़ासा प्रभावी है. पारम्परिक वैद्य रामकृष्ण पोखरियाल के अनुसार काफल के ऊपर की परत मोम युक्त होती है, जिसे मोर्टिल मोम कहा जाता है और इस मोम को गर्म पानी मे उबालकर भी अलग किया जा सकता है. यही मोम अल्सर की बीमारी में प्रभावी माना जाता है.
(Benefits of Kafal Fruit)

काफल के तने की छाल भी बेहद उपयोगी बतायी जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में काफल के पेड़ की छाल का पाउडर बनाया जाता है जिसका उपयोग जुकाम, आंख की बीमारी आदि के इलाज़ में किया जाता है. काफल की छाल के इस पाउडर को अदरक के रस और शहद के साथ मिलाकर खासी और गले की खरास दूर करने के लिये उपयोग में लाया जाता है.   

दांत दर्द में भी काफल की छाल का उपयोग ग्रामीण करते हैं. काफल के फूलों का तेल कान में दर्द के इलाज के लिये इस्तेमाल किया जाता रहा है. काफल का फल अच्छा पाचक यानी एपीटाइटर भी माना जाता है. इसे ह्रदय रोग और तनाव कम करने के लिए भी कारगर माना गया है.
(Benefits of Kafal Fruit)

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