व्यक्तित्व

प्रथम महावीर चक्र विजेता शहीद दीवान सिंह दानू

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प्रथम महावीर चक्र विजेता सिपाही शहीद दीवान सिंह दानू ने देश की आजादी के बाद पाकिस्तान के साथ हुए प्रथम युद्ध में 3 नवंबर 1947 को जम्मू कश्मीर में अपनी शहादत दी. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हस्तलिखित पत्र शहीद के पिता को भेज कर बताया कि संपूर्ण राष्ट्र उनका कृतज्ञ है.
(Diwaan Singh Danu 1st  Mahaveer Chakr Uttarakhand)

विकास खंड मुनस्यारी के ग्राम पंचायत गिन्नी के पुरदम तोक निवासी उदय सिंह दानू तथा श्रीमती रमुली देवी के पुत्र दीवान सिंह दानू का जन्म 4 मार्च 1923 को हुआ. दीवान सिंह 20 वर्ष की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हो गए. 1 जून 1946 को उनकी पहली पोस्टिंग चार कुमाऊं रेजीमेंट में हुई. 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ इसके बाद पाकिस्तान के साथ हुए प्रथम युद्ध में सिपाही दीवान सिंह कश्मीर के बडगाम में 3 नवम्बर 1947 को शहीद हो गए.

इतिहास बताता है कि सिपाही दीवान सिंह का प्लाटून जम्मू के बडगाम में हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए तैनात था. उस समय दीवान सिंह कुमाऊँ रेजीमेंट की डी कंपनी के ब्रेन गनर के रूप में तैनात थे. पाकिस्तान की सेना ने कबालियों के वेशभूषा में हवाई अड्डे पर आक्रमण कर दिया. उनका कड़ा मुकाबला करते हुए ब्रेन गन से 15 से ज्यादा पाकिस्तानी कबालियों को सिपाही दीवान सिंह ने मौत के घाट उतार दिया.
(Diwaan Singh Danu 1st  Mahaveer Chakr Uttarakhand)

जम्मू कश्मीर हवाई अड्डे की सुरक्षा को भारत माता की सुरक्षा मानते हुए सिपाही दीवान सिंह ने 20 वर्ष की उम्र में वह कर दिखाया जो आज तक कोई नहीं कर पाया. आक्रमणकारियों की नजर जांबाज सिपाही पर पड़ी. सिपाही दीवान सिंह अपने देश के आन, शान और बान के लिए शहीद हो गए. पाकिस्तान के साथ हुए इस युद्ध में दीवान सिंह को दुश्मनों की गोली लग गई थी यह 3 नवंबर 1947 का दिन था.

शहीद दीवान सिंह दानू

‘कुमाऊं रेजीमेंट के इतिहास’ पुस्तक में भी दीवान सिंह के अदम्य साहस को सुनहरे अक्षरों में स्थान दिया गया. इस पुस्तक में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जब शहीद दीवान सिंह का पार्थिव शरीर प्राप्त हुआ तो उनके हाथ में उनका ब्रेन गन जकड़ा हुआ था.

जम्मू कश्मीर हवाई अड्डे पर पाकिस्तानी सेना के हमले को रोकने के लिए मेजर सोमनाथ को परमवीर चक्र तथा सिपाही दीवान सिंह को मरणोपरांत प्रथम महावीर चक्र से विभूषित किया गया. प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शहीद दीवान सिंह के पिता उदय सिंह को हस्तलिखित पत्र भेजकर उसकी वीर गाथा को सम्मान दिया.
(Diwaan Singh Danu 1st  Mahaveer Chakr Uttarakhand)

कुमाऊँ रेजीमेंट के सेंटर रानीखेत में प्रथम महावीर चक्र विजेता दीवान सिंह के नाम पर “दीवान हाल” बनाया गया है. उत्तराखंड सरकार ने राजकीय इंटर कॉलेज बिर्थी तथा शहीद के गांव पुरदम तक जाने वाले मोटर मार्ग का नामकरण शहीद दीवान सिंह दानू के नाम पर रखकर उनके शहादत को सम्मान दिया है.

पंकज कुमार पांडेय

मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले पंकज कुमार पांडेय युवा पत्रकार हैं. वर्तमान में पंकज दैनिक भास्कर से जुड़े हैं.

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