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बेपरवाह बच्ची

बेपरवाह बच्ची -पद्मिनी अबरोल ''ये देख लो रश्मि मैडम, इस बच्ची का हाल ! मैंने तीन दिन पहले इसे अच्छे बच्चे…

6 years ago

क्षितिज तक फ़सल काट रही औरतें

आलोक धन्वा की यह कालजयी कविता कई कई बार सार्वजनिक मंचों पर पढ़े जाने की दरकार रखती है. भारतीय समाज…

6 years ago

कहो देबी, कथा कहो – 1

[वरिष्ठ लेखक देवेन्द्र मेवाड़ी के संस्मरण और यात्रा वृत्तान्त आप काफल ट्री पर लगातार पढ़ते रहे हैं. पहाड़ पर बिताए…

6 years ago

बज्जर किस्म के शिकायती भाई साहब !

भाई साहब से मेरी जान-पहचान इनके बचपन से है. जैसे किसी व्यक्ति के भीतर प्रेम, करुणा तथा दया अथवा झूठ,…

6 years ago

साझा कलम : 10 आशीष ठाकुर

[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर…

6 years ago

जीवन रचते व्यंग्य चित्र – 3

  दुगड्डा, पौड़ी गढ़वाल में रहने वाले जागेश्वर जोशी मूलतः बाडेछीना अल्मोड़ा के हैं. वर्त्तमान में माध्यमिक शिक्षा में अध्यापन…

6 years ago

डिब्‍बाबंद मुल्‍क और बड़ी होती लड़की

करीब ढाई साल गुजरे उस बात को, जब मेरी एक कजिन, जो हमारे ठेठ सामंती, ब्राम्होण परिवार में साफ दिल…

6 years ago

पहाड़ी माँ के जीवन की संघर्षगाथा

पांच दशक पूर्व तक पहाड़ में नारी के कठिन और संघर्षपूर्ण जीवन गाथा की आज कल्पना भी नहीं की जा…

6 years ago

एक पासपोर्ट साइज़

स्मृति के कोई दर्ज़न भर स्थिर-चित्रों से बना था उसका शहर. उसका शहर पतली सड़कों और बक्सेनुमा मकानों का संकुल…

6 years ago

एक युवा कवि को पत्र – 5 – रेनर मारिया रिल्के

"एक युवा कवि को पत्र" महान जर्मन कवि रेनर मारिया रिल्के के लिखे दस ख़तों का संग्रह है. ये ख़त…

6 years ago