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ह्यूमर और भाषा का अद्भुत संयोजन है ऋषिकेश मुखर्जी की ‘चुपके चुपके’

ऋषि दा को मिडिल क्लास सिनेमा का बड़ा क्राफ्टमैन यूँ ही नहीं कहा जाता. लीक से हटकर विषय उठाने में…

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पप्पन पांडे का निबन्ध

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 14 अमित श्रीवास्तव उत्तर पत्र लीक हो गया. फिर वाइरल. घोर…

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कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 76

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

जम्बू: उच्च हिमालयी क्षेत्रों का दिव्य मसाला

भारतीय खान-पान की परंपरा में मसालों की महत्वपूर्ण भूमिका है. अपने खाने में मसालों के इस्तेमाल से भारतीय रसोई में…

6 years ago

चंद्रशेखर लोहुमी को जानते हैं आप?

कहो देबी, कथा कहो – 26 पिछली कड़ी:कहो देबी, कथा कहो – 25, देबी के बाज्यू आये पंतनगर अनुशासन प्रिय…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 75

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

मिस्त्री की दिहाड़ी से कम है अतिथि राष्ट्रनिर्माताओं की तनख्वाह

पिछले एक सप्ताह से उत्तराखंड राज्य सरकार स्कूलों में गेस्ट टीचरों की नियुक्ति को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है.…

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जौनसार बावर में स्त्री

दिल्ली में रहते हुए सुदूर पहाड़ के गाँव के रिश्तेदारों को निभाना एक दुरुह काम है. सगे संबंधी हमेशा इस…

6 years ago

भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले

-रवीश कुमार दो साड़ी लेकर जाती थीं. रास्ते में कुछ लोग उन पर गोबर फेंक देते थे. गोबर फेंकने वाले…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 74

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago