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तोर मोनेर कथा एकला बोलो रे

कहो देबी, कथा कहो – 43 पिछली कड़ी - और भी थे इम्तिहां वे निराशा के दिन थे. मन खिन्न…

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विनय कुमार के कैमरे से उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य

विनय कुमार देहरादून में रहते हैं. विनय उत्तराखण्ड सरकार की प्रशासनिक सेवा के पहले बैच के अधिकारियों में से हैं.…

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सुर्ख गालों पर तपिश लिए भरे बाजार जब मैंने अर्चना वर्मा को जीवन भर के लिए कहा गुडबाय

पहाड़ और मेरा जीवन – 31 अपनी सहपाठी अर्चना वर्मा के बारे में मैंने पहले भी जिक्र किया था और…

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अल्मोड़ा में रामचंद्र गुहा का भाषण : दस कारण जो गांधी को अब भी प्रासंगिक बनाते हैं

आज रामचंद्र गुहा का जन्मदिन है. रामचंद्र गुहा की गिनती समकालीन भारत के सबसे प्रखर एवं बहुप्रतिभाशाली इतिहासकारों में होती…

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रं समाज में विवाह पद्धतियां

रं समाज में मुख्यतः एकल विवाह ही होता है, परन्तु कभी-कभी बच्चे नहीं होने की दशा में या पत्नी की…

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ऑल वैदर रोड के बहाने उत्तराखंड की सड़कों की हालत

समय आ गया है कि इस बात पर बहस की जाय उत्तराखंड राज्य में सड़क ने विकास किया है या…

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पीके: आस्था के नाम पर पनप रहे अंधविश्वास पर तार्किक चोट करती फिल्म

ट्रांजिस्टर लटकाए हुए रिमोट खोजने की जद्दोजहद. अबोध सवाल. जिज्ञासा भरे सवाल. अजीबोगरीब हरकतें. जवाब देने वालों का उससे पूछना,…

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नैनीताल फूड प्रोडक्टस: पचास हजार की पूंजी से करोड़ों की कंपनी तक

संजीव भगत कुमाऊँ के उन गिने-चुने लोगों में हैं जिन्होंने मामूली पूंजी से सफल उद्यम खड़ा कर एक मिसाल कायम…

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लोकतंत्र के पहरुवे

गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-4 पिछली कड़ी- घोषणा पत्रों में चरम सुख बाजार की उथल-पुथल भरी खबर…

6 years ago

तूतू – मैंमैं

'आखिर हुआ क्या?' 'होना क्या था? वो हमें बाज़ार में मिले. हमे बहुत जाने-पहचाने से लगे.' 'फिर?' 'हम भी उन्हें…

6 years ago