पहाड़ और मेरा जीवन – 41 पिछली कड़ी: आपकी एक छोटी-सी पहल कैसे आपका मुकद्दर संवार सकती है आज कुछ…
उत्तराखण्ड में विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पूरी तरह से खतरे में पड़ गई है. वैधानिक अधिकार न होने के बाद भी…
पिथौरागढ़ शिक्षक-पुस्तक आन्दोलन के समर्थन में कल दिल्ली के जंतर मंतर पर एक मार्च निकाला गया. आज पिथौरागढ़ में हो…
1931 में अंग्रेज पर्वतारोही फ्रेंक सिडनी और होल्ड्स वर्थ कामेट पर्वत से रास्ता भटककर एक सुरम्य घाटी में पहुँच गए.…
देहरादून निवासी युवा कवि राजेश सकलानी के पिछले कविता संग्रह पुश्तों का बयान का में कवि और उसकी कविता के…
चरवाहे लोकदेवता कलबिष्ट की शरण में (एक लोक देवता के अंकुरण की पृष्ठभूमि)-बटरोही इतने सालों के बाद क्या उसका यह…
अल्मोड़ा से छः किलोमीटर दूर कसारदेवी पिछले पांच दशकों से अधिक समय से दुनिया भर के यात्रियों-संगीतकारों-दार्शनिकों-अध्येताओं और साहित्यकारों को…
हिंदी सिनेमा का एक सेट फार्मूला रहा है— नायक-नायिका. दोनों में अमीरी-गरीबी की खाई. इस खाई को पाटने की जद्दोजहद…
मैं पहाड़ी हूं बेरीनाग के बिनवा की तरह जिसने कुछ दिन पहले बेरोजगारी के कारण नुवान खाकर जान दे दी.…
रामायण भारतीय जनमानस के दिमाग में गहरे बैठी है. बच्चे से लेकर बूढ़े तक अक्सर इसके उद्धरण देकर जीवन के…